कानूनी दांव-पेच में बरी हो गए मंत्रीजी… 33 साल पुराने केस में राकेश सचान को बड़ी राहत, मारपीट का था मामला

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कानूनी दांव-पेच में बरी हो गए मंत्रीजी… 33 साल पुराने केस में राकेश सचान को बड़ी राहत, मारपीट का था मामला

कानूनी दांव-पेच में बरी हो गए मंत्रीजी… 33 साल पुराने केस में राकेश सचान को बड़ी राहत, मारपीट का था मामला

Raghavendra Shukla | Lipi | Updated: Nov 30, 2022, 9:51 AM

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 33 साल पुराने मुकदमें में सबूतों के आभाव में बरी कर दिया गया है। राकेश सचान पर केसा कर्मियों से मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

 

राकेश सचान
कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर से कैबिनेट मंत्री राकेश सचान का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। राकेश सचान को 33 साल पुराने मुकदमें में राहत मिली है। इस 33 साल पुराने मुकदमें में अपर मुख्य महानगर मैजिस्ट्रेट तृतीय ने सबूतों के अभाव में राकेश सचान को बरी कर दिया है। कैबिनेट मंत्री पर केसा कर्मियों से मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर ग्वालटोली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

सिविल लाइंस स्थित केसा मुख्यालय में जेके जैन अवर अभियंता के पद पर तैनात थे। तत्कालीन अवर अभियंता जेके जैन ने राकेश सचान के खिलाफ 27 सितंबर 1989 को ग्वालटोली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जेके जैन ने आरोप लगाए थे कि राकेश अपने दर्जनों समर्थकों के साथ आए थे। एक उपभोक्ता के नए कनेक्शन के समायोजन के लिए बिना निरीक्षण कराए इस्टीमेट बनाए जाने का दबाव बनाने लगे थे। इंकार करने पर मारपीट की और सरकारी कार्य में बाधा डाला था।

चार्जशीट लगने के बाद आरोप तय हुए

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के अधिवक्ता कपिलदीप सचान के मुताबिक पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। कोर्ट ने चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए बीते 2 फरवरी 2010 को राकेश सचान पर आरोप तय किए थे। इसके बाद इस मुकदमें में गवाही और जिरह शुरू हुई थी। अभियोन पक्ष की तरफ से मुकदमें के वादी जेके जैन और कोर्ट विटनेस के रूप में कांस्टेबल पवन सिंह को पेश किया गया था।

कानूनी दांव-पेच में बरी

मुकदमें के वादी जेके जैन ने बताया था कि उस दिन केसा मुख्यालय जो लोग आए थे। उनके नाम नहीं जानते हैं, और इतना लंबा समय बीत जाने की वजह से चेहरे भी याद नहीं हैं। भीड़ में एक शख्स ने अपना नाम राकेश सचान बताया था। लेकिन वह राकेश सचान था या नहीं इसकी पुष्टी नहीं कर सकता है। इसके साथ ही वादी ने मारपीट की बात से भी इंकार दिया। अभियोजन पक्ष कोर्ट में राकेश सचान पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाया। इस लिए सबूतों के आभाव में राकेश सचान को बरी कर दिया गया।

रिपोर्टः सुमित शर्मा

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