कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अर्जी या सीएम बने रहने की प्रार्थना? जयपुर में विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत करेंगे तनोट माता के दर्शन

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कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अर्जी या सीएम बने रहने की प्रार्थना? जयपुर में विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत करेंगे तनोट माता के दर्शन

कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अर्जी या सीएम बने रहने की प्रार्थना? जयपुर में विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत करेंगे तनोट माता के दर्शन

जैसलमेर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को जैसलमेर दौरे पर रहेंगे। इसकी सूचना मिलते ही जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके स्वागत की तैयारियों में जुट चुके हैं। एक तरफ कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर अशोक गहलोत की चर्चाओं ने जोरों पकड़ रखा है वहीं राजस्थान के न सीएम को लेकर भी कयासों का बाजार गर्म है। इसी बीच रविवार को सरहदी जिले जैसलमेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आना अपने आप में बड़ा संकेत माना जा रहा है।

गहलोत की आस्था के रूप में देखे तो सीएम गहलोत जब भी किसी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत करते हैं तो वह तनोट माता के दर्शन को जरूर जाते हैं। इस प्रकार यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव को देखते हुए सीएम तनोट माता के दर्शन को आ रहे है। बता दें के हाल ही देश के गृह मंत्री अमित शाह भी तनोट माता दर्शन करने पहुंचे थे।

पायलट की बगावत और बाड़ाबंदी के दौरान भी तनोट के दरबार पहुंचे थे गहलोत
जैसलमेर शहर से 120 किलोमीटर भारत-पाक सीमा पर स्थित सैनिकों की देवी व थार की वैष्णो देवी के नाम से विख्यात तनोट माता के दरबार में नेता हो या अभिनेता हर कोई अपनी अर्जी लगा चुका है। माता उन पर कृपा भी बरसाती है जिसके चलते प्रतिवर्ष नवरात्रों में माता के दरबार में भक्तों का हुजूम देखने को भी मिलता है। वहीं संकट हरणी माता के दरबार से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गहरा नाता है जिसके चलते जब भी उन पर संकट आता है वह तनोट माता के दरबार में आते हैं।

बता दें कि सचिन पायलट और गहलोत के बीच बढ़े विवाद के चलते जहां कोरोना के समय गहलोत सरकार होटलों में रहकर राज्य की शासन व्यवस्था चला रही थी वहीं इस दौरान भी गहलोत अपनी सियासत बचाने के चलते जैसलमेर को अपनी शरण स्थली बना चुका था। अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ उन्होंने जैसलमेर में लंगर डाला था।

अध्यक्ष बनने की अर्जी या सीएम बने रहने की प्रार्थना?
वहीं तनोट माता के दर्शन कर प्रार्थना की थी और अपनी सरकार को बचाने में वे सफल हुए थे। इसी के साथ विधानसभा चुनाव हो या सीएम का सामान्य जैसलमेर दौरा, वह जब भी जैसलमेर आते हैं तनोट माता के दर्शन को जरूर जाते हैं।

हालांकि इस बात की पुष्टि अभी कोई नहीं कर सकता कि अब जब गहलोत तनोट जाएंगे तो खुद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के फैसले की अर्जी माता के दरबार में रखेंगे या उसे टालने की प्रार्थना करेंगे। (रिपोर्ट- जगदीश गोस्वामी)

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