कभी हिंदी समझने के लिए google था सहारा, आज कानपुर देहात की ठेठ गंवई बोली समझ लेने का हौसला, नए एसपी से मिलिए

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कभी हिंदी समझने के लिए google था सहारा, आज कानपुर देहात की ठेठ गंवई बोली समझ लेने का हौसला, नए एसपी से मिलिए

कभी हिंदी समझने के लिए google था सहारा, आज कानपुर देहात की ठेठ गंवई बोली समझ लेने का हौसला, नए एसपी से मिलिए


Kanpur Dehat: आंध्रप्रदेश के रहने वाले बीबीजीटीएस मूर्ति 2015 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस हैं। उनका कानपुर देहात के एसपी पद पर ट्रांसफर हुआ है।

 

कानपुर देहात के नए एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति
कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात जिले को नया एसपी मिला है। हाल ही में किए गए ट्रांसफर में कासगंज से कानपुर देहात ट्रांसफर किए गए आईपीएस बीबीजीटीएस मूर्ति की हिंदी भाषा की कहानी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल आईपीएस का हिंदी से कभी वास्ता नहीं रहा। कभी उन्हें हिंदी समझने के लिए गूगल की मदद लेनी पड़ती थी। हालांकि वह अब अच्छी तरह से हिंदी समझने व बोलते हैं। लेकिन कानपुर देहात में तैनाती के साथ ही एसपी के सामने एक नई चुनौती सामने आ गई। दरअसल कानपुर देहात की करीब 21 लाख की आबादी गवंई ठेठ भाषा ही बोलती है, जिसे दक्षिण भारत के रहने वाले एसपी साहब के लिए समझना आसान नहीं होगा। नवभारत टाइम्स डिजिटल से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंंने माना भी और कहा कि शुरू में कुछ परेशानी आ सकती है। लेकिन वह गवंई भाषा समझने की कोशिश में भी लगे हैं।

आंध्रप्रदेश के तिरूपति के रहने वाले बीबीजीटीएस मूर्ति 2015 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनका पालन-पोषण व शिक्षा हैदराबाद में हुई। उन्होंने बताया कि बचपन से तेलगू भाषा बोलते, लिखते और समझते हैं। अंग्रेजी भी बेहतर है। कभी हिंदी की जरूरत नहीं लगी। आईपीएस बनने के बाद यूपी कैडर मिला तो यहां आने पर हिंदी सीखने की जरूरत महसूस हुई। शुरू में गूगल ट्रांसलेटर की मदद से काम चलाया लेकिन मन ही मन ठान लिया कि हिंदी सीखनी है। वह कहते हैं कि साथी अफसरों ने भी उन्हें इसके लिए प्रेरित किया। काफी मेहनत के बाद आज वह हिंदी बोलते, लिखते व समझते हैं। वहीं कानपुर में ठेठ गंवई बोली पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि गांव की भाषा शुरू में समझने में कुछ दिक्कत हो लेकिन कुछ ही समय में उनसे बात करके सब समझ लेंगे। हिंदी सीख ली तो गंवई ठेठ भाषा समझने में कोई खास वक्त नहीं लगेगा। चूंकि वह कानपुर में एसपी ग्रामीण फिर कमिश्नरेट में बतौर डीसीपी पश्चिम व डीसीपी ट्रैफिक के रूप में 15 महीने काम कर चुके हैं। लिहाजा उनकी हिंदी काफी मजबूत हो गई है।

माफिया कालिया की 100 करोड़ की संपति जब्त कर आए चर्चा में

कानपुर देहात के नए एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति अपने सख्त एक्शन के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंंने कासगंज में तैनाती के दौरान वहां के सबसे बड़े माफिया अपराधी नफीस अहमद उर्फ कालिया की 100 करोड़, 28 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की। इस बड़ी कार्रवाई के बाद वह चर्चा में आ गए और सरकार की गुड लिस्ट में शामिल हो गए। उन्होंने बताया कि उनकी पहली पोस्टिंग बतौर अंडर ट्रेनिंग गाजियाबाद में हुई थी। इसके बाद कानपुर ग्रामीण क्षेत्र के एसपी रहे। फिर लखनऊ इंटेजीजेंस में भी एसपी रह चुके हैं।

पीड़ितों को न्याय दिलाना पहली प्राथमिकता

बीबीजीटीएस मूर्ति के अनुसार कि पीड़ित को थाने स्तर पर न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। यातायात व्यवस्था भी सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात जिले की भौगोलिक स्थित समझने के बाद यहां की जरूरत के हिसाब से प्लान बनाकर पुलिसिंग को दुरुस्त किया जाएगा।

बलवंत हत्याकांड एसपी सुनीति को पड़ा भारी

बता दें इससे पहले कानपुर देहात की एसपी सुनीति के लिए बलवंत हत्याकांड भारी पड़ गया। दरअसल बलवंत की पुलिस कस्टडी में पिटाई से मौत हो गई थी। एसपी ने बयान दिया कि उसे पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था और सीने में दर्द होने की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया, वहां मौत हो गई। लेकिन बाद में बलवंत के शरीर में चोटों के निशान पुलिस की बर्बरता बयां कर रहे थे। अब उन्हें जिले के दायित्व से हटाकर लखनऊ मुख्यालय से संबंद्ध कर दिया गया है।
रिपोर्ट-गौरव राठौर

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