उभरते भारत की रीढ़ हैं किसान; कृषि को नयी दिशा में ले जा रहा उद्योग: धनखड़

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उभरते भारत की रीढ़ हैं किसान; कृषि को नयी दिशा में ले जा रहा उद्योग: धनखड़

उभरते भारत की रीढ़ हैं किसान; कृषि को नयी दिशा में ले जा रहा उद्योग: धनखड़

चंडीगढ़, चार नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि किसान उभरते भारत की रीढ़ हैं। इसके साथ ही उन्होंने उद्योग को कृषि क्षेत्र को नयी दिशा दिखाने का श्रेय दिया।

धनखड़ ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी मेले के 15वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ रहा है और इसे वैश्विक रूप से मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा कि किसान इस उदय की रीढ़ हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि कृषि क्षेत्र को एक नए रास्ते पर ले जाने के लिए उद्योग की प्रतिबद्धता सराहनीय है और इसे क्रियान्वयन के उच्च चरण में ले जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने इस मेले के विषय (थीम) – सतत कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिए डिजिटल परिवर्तन – को उपयुक्त बताते हुए कहा कि इसकी प्रासंगिकता पर कभी भी अधिक जोर नहीं दिया जा सकता है।

धनखड़ ने कहा कि “किसानों को अच्छी तरह से जानकारी देने की आवश्यकता है ताकि वे आर्थिक रूप से स्थायी उपायों को अपना सकें।”

उन्होंने कोविड महामारी के दौरान पिछले दो साल में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “… पूरी दुनिया में हमारा कोई सानी नहीं है, जहां दो साल से अधिक समय तक 80 करोड़ लोगों को सरकार ने मुफ्त में भोजन मुहैया कराया है। और यह कवायद आज भी जारी है।” उन्होंने कहा कि इसका श्रेय भारतीय किसानों को भी जाता है।

उन्होंने कहा कि हमारे लिए खेती कोई पेशा नहीं है बल्कि यह एक परंपरा और जीवन जीने का तरीका है। उन्होंने कहा, “और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए, जो आगे बढ़ रही है, कुछ हफ्ते पहले ही हमें अपने औपनिवेशिक शासकों को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त हुआ था।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि दशक के अंत होने तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इस वृद्धि में कृषि की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र सीधे तौर पर हमारी एक तिहाई से अधिक आबादी को रोजगार मुहैया कराता है, हमारे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग पांचवां हिस्सा कृषि का है।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र 1.4 अरब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराता है और इसके अलावा जरूरत वाले क्षेत्रों में भेजने के लिए अधिशेष (सरप्लस) भी उपलब्ध कराता है।

इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल भी मौजूद थे।

अधिकारियों ने बताया कि मेले में 30,000 से अधिक किसानों के आने की उम्मीद है।

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