उड़ता जंक्शन: 671 स्पैन के सहारे बन रहा देश का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर

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उड़ता जंक्शन: 671 स्पैन के सहारे बन रहा देश का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर

उड़ता जंक्शन: 671 स्पैन के सहारे बन रहा देश का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर


कटनी. रेलवे के क्षेत्र में कटनी जंक्शन कुछ दिनों के बाद यार्ड के साथ देश के सबसे लंबे ग्रेड सेपरेटर के नाम पर नई इबारत लिखने जा रहा है। उड़ते जंक्शन के नाम से जाना जाने वाला पुल का परियोजना पर काम चल रहा है। कमाल की इंजीनियरिंग के बीच यह काम चल रहा है। शहर में नीचे से जमीन पर ट्रेन, फिर ग्रेट सेपरेटर से ट्रेनें रफ्तार भरेंगी व उनके ऊपर प्रदेश के सबसे ऊंचे फ्लाईओवर से वाहन फर्राटे भरते नजर आएंगे। प्रमुख रेल परियोजनाओं में से पश्चिम मध्य रेल की यह परियोजना है। अधोसंरचना कार्य परियोजनाओं को भी तीव्र गति प्रदान की जा रही है। पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मण्डल में सबसे लंबा वायाडक्ट (पुल) कटनी ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। रेल परियोजनाओं में कटनी ग्रेड सेपरेटर पश्चिम मध्य रेल की प्रतिष्ठित परियोजना में से एक है। इस परियोजना की लागत लगभग 1248 करोड़ रुपए है। अप ग्रेड सेपरेटर की लम्बाई 16 किमी एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर की लम्बाई 18 किमी सहित ग्रेड सेपरेट कुल लंबाई 34 किलोमीटर है। इस कुल लम्बाई के पुल में वॉयडक्ट (18 किमी), रिटेनिंग वॉल (3 किमी), अर्थवर्क (13 किमी) के साथ अप एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रेड सेपरेटर परियोजना के निर्माण की मुख्य विशेषता यह है कि कटनी और कटनी मुड़वारा और न्यू कटनी जंक्शन के व्यस्त यार्ड को पार करने के लिए एलिवेटेड वायाडक्ट उपयोगी साबित होगी। इस ग्रेड सेपरेटर में वायाडक्ट (पुल) की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है। अप ग्रेड सेपरेटर में कुल 260 स्पैन और डाउन ग्रेड सेपरेटर में 411 स्पैन निर्माणाधीन हैं। मौजूदा ट्रैक पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ दिन-रात कार्य करते हुए ग्रेड सेपरेटर के निर्माण का काम जोरों पर है। अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इसलिए कहलाता है उड़ता जंक्शन- कटनी की ग्रेड सेपरेटर परियोजना में अप और डाउन दोनों ही लाइन में रेलवे ओवरब्रिज—आरओबी का निर्माण किया जा रहा है। दोनों लाइन आरओबी में ऊपर ही उपर पड़रिया फाटक के पास मिलेगी और आगे मझगवां तक जाएगी। दोनों ही लाइन में आरओबी में पड़रिया फाटक और सिमरौल नदी के पास जंक्शन होगा। आरओबी में ऊपर ही ऊपर जंक्शन होने के कारण इस परियोजना को उड़ता जंक्शन कहा जा रहा है।

  1. रेलवे को होंगे कई फायदे
    – बीना-कटनी रेलखण्ड में गुड्स ट्रेन के परिचालन में वृद्धि होगी।
    – कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जाएगा।
    – कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखण्ड का बायपास होगा।
    – माल यातायात में वृद्धि होने से फ्रेट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी।
    -पश्चिम मध्य रेल के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी, यात्रियों को भी मिलेगी बड़ी सुविधा।
    – ग्रेड सेपरेटर में उच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल एवं तकनीक व हैवी मशीनरही का हो रहा उपयोग।
    – २.६ लाख क्यूएम कांक्रीट, ३७ हजार मीट्रिक टन स्ट्रक्चर स्टील के उपयोग का है अनुमान।

कटनी ग्रेड सेपरेटर भारतीय रेलवे का सबसे लंबा वायाडक्ट (पुल) होगा। पश्चिम मध्य रेल की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से कटनी ग्रेड सेपरेटर के चालू होने के बाद कटनी शहर के पूर्व-पश्चिम दिशा में रेल यातायात की तेज आवाजाही का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। यह काम मार्च २०२५ में पूरा होगा।
शोभना बंदोपाध्याय, महाप्रबंधक, पश्चिम मध्य रेलवे

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