इस कार का हाल देखिए… दिल्ली के इन शातिरों के लिए यह बस 5 मिनट का खेल है

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इस कार का हाल देखिए… दिल्ली के इन शातिरों के लिए यह बस 5 मिनट का खेल है

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने लग्जरी कार चोरी करने वाले हाईटेक गैंग का भंडाफोड किया है। यह गैंग महज 5 मिनट में ही सॉफ्टवेयर का यूज कर कार को गायब कर देते थे। पुलिस का कहना है कि हॉलिवुड फिल्म फास्ट एंड फ्यूरियस सीरिज से प्रेरित होकर लग्जरी कारें चोरी करने वाले एक गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान उत्तम नगर निवासी 42 वर्षीय मनीष राव, 43 वर्षीय जगदीप शर्मा और मेरठ निवासी 40 वर्षीय आस मोहम्मद के तौर पर हुई।

साफ्टवेयर हैकिंग डिवाइस का करते थे यूज
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह सॉफ्टवेयर हैकिंग डिवाइस की मदद से पहले उस गाड़ी के सॉफ्टवेयर को फॉरमेट करते थे। उसमें नया सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के बाद कुछ ही मिनट के अंदर गाड़ी चोरी कर फरार हो जाते थे। चोरी के बाद वे गाड़ी को कार पार्किंग एरिया, सोसायटी के बाहर या हॉस्पिटल के नजदीक उस जगह पर खड़ी करते थे, जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे नहीं होते थे। खरीददारों की डिमांड के हिसाब से ही वे कारें चोरी करते थे। आरोपी मनीष राव पिछले महीने की 5 तारीख को ही जेल से बाहर आया था। पुलिस का दावा है कि आस मोहममद मेरठ से इस धंधे को ऑपरेट कर रहा था। वह चोरी की कारें राजस्थान में सप्लाई करता है।

आस मोहम्मद है चोरी की गाड़ियों का मेन सप्लायर
पुलिस का दावा है कि आस मोहम्मद चोरी की गाड़ियों का मुख्य सप्लायर है। वह चोरी की गाड़ियों को राजस्थान में ठिकाने लगाता था। पुलिस ने इनके पास से 7 कारें, हैकिंग और लॉक ब्रेकिंग डिवाइस, रिमोट चाबी, दो पिस्टल और कारतूस बरामद किए हैं। गैंग के बदमाश जीपीएस के सिग्नल को फेल करने के लिए जैमर का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद कुछ ही सेकंड में गाड़ी चोरी कर लेते थे। पुलिस अफसर के मुताबिक, साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट एएटीएस की टीम गाड़ियों की चोरी करने वाले गिरोह का पता लगा रही थी।

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क्रेटा कार की डील करने पालम आए थे
इसी कड़ी में पता चला कि चोरी की क्रेटा कार की डील करने के लिए कुछ लोग पालम गांव में आए हैं। फर्जी नंबर प्लेट लगी हुंडई क्रेटा कार पश्चिम विहार इलाके से चोरी की गई थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों से हुई पूछताछ के आधार पर चोरी की अन्य 5 गाड़ियां बरामद कर लीं गईं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया वे रवि गैंग के सदस्य हैं। वे इस साल अप्रैल महीने से अब तक 40 से ज्यादा गाड़ियां उतम नगर, तिलक नगर, सुभाष नगर, पश्चिम विहार, मुनिरका जैसी जगहों से चोरी कर चुके हैं। अब पुलिस इस रैकेट में शामिल चोरी की गाड़ियों को खरीदने वाले लोगों का पता लगने में जुटी है।

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मेरठ में लगा बैन तो पुणे में काटने लगे गाड़ियां
मेरठ के सोतीगंज के कुख्यात गाड़ियां काटने वाले बाजार को यूपी सरकार ने बंद कर दिया तो चोरी की लग्जरी गाड़ियों को काटने का कारोबार करने वालों ने पुणे को अपना नया ठिकाना बना लिया। सेंट्रल जिला पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश कर मेरठ के अजहरुद्दीन उर्फ अज्जू (24) और पुणे के अल्ताफ कासम अत्तर (38) को गिरफ्तार किया गया है। अज्जू चोर इंतजार और भूरा से गाड़ी लेता था, जिन्हें पुणे के अल्ताफ को बेच देता था। ये धंधा ऑन डिमांड चलता था। पुलिस ने इनसे चोरी की 15 लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। पुलिस का दावा है कि आरोपी 2019 से अब तक 500 से ज्यादा गाड़ियां बेच चुके हैं।

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बदलते थे चेसिस-इंजन नंबर
अज्जू चोरी की गाड़ियों को पुणे के अल्ताफ को बेचता था, जिसे पुलिस ने वहां से गिरफ्तार कर लिया। इंतजार और भूरा डिमांड पर चोरी की गई गाड़ी को मेरठ ले जाते थे। अल्ताफ एक्सिडेंट में पूरी तरह डैमेज गाड़ी का नंबर पुणे से भेजता था, जो चोरी की गाड़ी पर लगाया जाता। इसके बाद गाड़ी को गुड़गांव लाया जाता। यहां से कंटेनर में लादकर इन्हें मुंबई भेजा जाता। वहां से रोड के जरिए इन्हें पुणे लाया जाता। अल्ताफ डैमेज गाड़ियों के चेसिस और इंजन नंबर इन चोरी की गाड़ियों पर लिख देता था। इसके बाद इन गाड़ियों को डैमेज गाड़ी के दस्तावेजों के जरिए लाखों रुपये में बेच दिया जाता। ये अब तक 500 से ज्यादा गाड़ियां बेच चुके हैं।

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एयरपोर्ट से पकड़ा गया सरगना
पुलिस दो महीने से गैंगस्टर एक्ट में फरारी काट रहे अज्जू की तलाश में थी। उसके 11 मई को गाड़ी की डिलिवरी गुजरात के सूरत से करके दिल्ली एयरपोर्ट आने की खबर मिली। इस पर उसे एयरपोर्ट से बाहर निकलते समय दबोच लिया। इसकी जेब से एक गाड़ी की चाबी मिली, जो जीबी पंत अस्पताल की बैक साइड में खड़ी थी। पुलिस ने चेक किया तो यह गाड़ी साउथ रोहिणी से चोरी की गई थी। अदालत से 14 दिन की रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में अज्जू ने बताया कि वो दिल्ली-एनसीआर में चोरी करने वाले इंतजार और भूरा से गाड़ियां मेरठ में लेता था। मेरठ पुलिस के दबाव बनाने की वजह से उसने सोतीगंज से अपना ठिकाना पुणे में शिफ्ट कर लिया था।

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