इंदौर 42 लाख टन कार्बन कर रहा कम, ग्रीन इकोनॉमी में होगा आगे | Indore is reducing carbon by 42 lakh tonnes | Patrika News

72
इंदौर 42 लाख टन कार्बन कर रहा कम, ग्रीन इकोनॉमी में होगा आगे | Indore is reducing carbon by 42 lakh tonnes | Patrika News

इंदौर 42 लाख टन कार्बन कर रहा कम, ग्रीन इकोनॉमी में होगा आगे | Indore is reducing carbon by 42 lakh tonnes | Patrika News

इंदौर फिलहाल 42 लाख टन कार्बन डाय ऑक्साइड कम करके डेढ़ लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित कर रहा है। अब कामना है कि जमीन से आसमान तक कार्बन को कम करने की कवायद को विस्तार देते हुए भविष्य की बड़ी ग्रीन इकोनॉमी खड़ी करने में यह आर्थिक राजधानी न सिर्फ सक्षम होगी, ब ल्कि एक और नई ऊंचाई हासिल करने में कामयाब होगी।

इंदौर

Published: October 03, 2022 11:01:52 pm

हमने पा ली है ऐसी बुलंदी कि कोई उसे छू न सके। यही तो इंदौरी जज्बा और तासीर है। सफाईगीरी की लगन में छोटा-बड़ा, गरीब-अमीर सब इस मुहिम में जुट गए और आज सफलता के सातवें आसमान पर हैं। इंदौर के इस अपराजेय सामर्थ्य को नमन है। आमतौर पर लोगों के लिए सुबह सफाई के साथ शुरू होती है, लेकिन इंदौर के लिए यह क्रम सुबह से लेकर क्या दोपहर, क्या शाम, रतजगा करके दूसरे दिन तक अनवरत जारी रहता है। यहां बच्चे भी सफाई के संस्कार के साथ बड़े हो रहे हैं। बड़ी उम्र में यह उनकी जीवनचर्या बन जाएगा। इससे बड़ी स्वास्थ्य की कोई सीख नहीं हो सकती। घर की पहली गुरु कहलाने वाली माताओं को नमन है। वे अभियान की शुरुआत घरों से करती हैं। उनके सफाई के प्रयोग सिम्बल बन गए हैं। एक तरह से वे मुहिम की धुरी संभाले हुए हैं। बुजुर्गों ने अपना वानप्रस्थ सफाई महाअभियान में लगाकर जीवन की सार्थकता और संतोष रस लिया है। ऐसे अनगिनत इंदौरी आमजन को नमन है, जो इस काम में लगे कर्मचारियों को सफाई मित्र संबोधित कर अपनापन जाहिर करते हैं। उन्होंने ही इस क्रम को बिना रुके, बिना थके 24 घंटे, सातों दिन, महीने ही नहीं पूरे साल के 365 दिन सेवाभाव से जारी रखा है। आज उन अधिकारियों की दूरदृष्टि व योजना को भी सराहने का दिन है, जिन्होंने आसमानी बुलंदियों तक पहुंचने के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना पर बेहतरीन अमल किया। दलीय भावना के इतर इच्छाशक्ति रखने वाले जनप्रतिनियों का भी साधुवाद है। उन्होंने इंदौर को आगे रखने का विजन राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर पहुंचाने का काम किया। अनेक संस्थाओं की नवाचारी पहल का भी उल्लेख जरूरी है। इंदौर को वेस्ट से बेस्ट, कचरे से कमाई जैसे अनेक लाभकारी मंत्र दिए। साथ ही सफाई को गर्व का शिखर देने में अपनी बुद्धि और अनुसंधान वृत्ति लगाई। दीपावली से पहले हर तरफ जश्न का माहौल है। मातारानी की आराधना के गरबा महोत्सव में भी इस अभूतपूर्व उपलब्धि की गूंज है। साथ ही अब सफाई की महासप्तमी मनाने के लिए भी संकल्पशक्ति व्यक्त की।
सिक्सर का शिखर छूने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल आगे क्या? पूरी दुनिया को सफाई के संस्कार सिखाने वाले हम पहले ही बन गए हैं। जलवायु परिवर्तन से बचाव का पाठ भी हम ही पढ़ाएंगे। ग्रीन एनर्जी में योगदान को बढ़ाते हुए कार्बन क्रेडिट को आमदनी का जरिया बनाएंगे। इंदौर फिलहाल 42 लाख टन कार्बन डाय ऑक्साइड कम करके डेढ़ लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित कर रहा है। अब कामना है कि जमीन से आसमान तक कार्बन को कम करने की कवायद को विस्तार देते हुए भविष्य की बड़ी ग्रीन इकोनॉमी खड़ी करने में यह आर्थिक राजधानी न सिर्फ सक्षम होगी, ब ल्कि एक और नई ऊंचाई हासिल करने में कामयाब होगी। गर्व और हर्ष के इन अपूर्व पलों में एक-दूसरे को बधाई के देने के साथ खुद को भी धन्यवाद कहने का वक्त है।

indore

newsletter

अगली खबर

right-arrow



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News