आप भी बेच रहे हैं अपनी कार तो ध्यान दें, नहीं तो फंस जाएंगे

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आप भी बेच रहे हैं अपनी कार तो ध्यान दें, नहीं तो फंस जाएंगे

आप भी बेच रहे हैं अपनी कार तो ध्यान दें, नहीं तो फंस जाएंगे

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के महिपालपुर फ्लाईओवर (Mahipalpur Accident) पर रविवार को BMW कार की टक्कर से साइकिल सवार की मौत की खबर आपने भी पढ़ी होगी। इस महंगी कार की विंडशील्ड पर ‘रक्षा मंत्रालय’ का स्टीकर लगा पाया गया था। अब इस पर बहस छिड़ गई है कि शहर में ऐसी गाड़ियों की भरमार है, जो गैरकानूनी तरीके से या फर्जी स्टीकर लगाकर चलते हैं। दरअसल, बीएमडब्ल्यू कार के मालिक ने दावा किया है कि जब उसने गाड़ी के मालिक से कार खरीदी थी तभी से यह स्टीकर लगा हुआ था। स्टिकर हटाने पर उसने ध्यान नहीं दिया। हालांकि पुलिस का कहना है कि लोग VIP, पुलिस, प्रेस, आर्मी, एडवोकेट और ऐसे कई स्टिकर गाड़ी पर लगाते हैं जिससे पुलिसकर्मियों और ट्रैफिक पुलिस से बच सकें।

BMW के मालिक और पश्चिम दिल्ली के कारोबारी सुनील ‘रक्षा मंत्रालय’ का स्टिकर अपनी कार के शीशे पर लगाने के लिए अधिकृत नहीं थे। लेकिन वह इस तरह का कानून का उल्लंघन करने वाले इकलौते नहीं हैं। शहर के लोग ऐसे स्टिकर लगाने के लिए काफी आतुर दिखते हैं। कुछ लोग तो पदनाम भी गाड़ियों पर चिपकाकर चलते हैं जैसे- प्रधान या विधायक।

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रिश्तेदार सेना में हैं…
सोमवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने राजधानी में ऐसी कई गाड़ियों को देखा जिस पर ऐसे स्टिकर थे। मान सिंह रोड और पृथ्वीराज रोड पर दो गाड़ियों और एक SUV और एक सिडान में विंडशील्ड पर ‘पुलिस’ चस्पा था। जबकि देखने से ही साफ था कि वे पुलिस की गाड़ियां नहीं थीं। साउथ दिल्ली के हौज खास इलाके में कई गाड़ियों पर ‘आर्मी’ का स्टिकर दिखा। ग्रीन पार्क में भी ऐसी गाड़ियां दिखीं। TOI ने कई कार मालिकों से बातचीत की। गाड़ी में आगे और पीछे के शीशे पर ‘आर्मी’ चस्पा करने वाले एक गाड़ी मालिक ने दावा किया, ‘इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन मेरे रिश्तेदार के नाम पर है, जो भारतीय सेना में कैप्टन हैं इसलिए हमारी गाड़ी पर यह चस्पा है।’ इसी तरह एक महिला ने यह कहकर अपनी गाड़ी पर ‘आर्मी’ स्टिकर लगे होने का बचाव किया कि उसके पिता इस समय सेना में हैं।

ट्रैफिक अधिकारियों ने कहा कि मोटर व्हीकल्स ऐक्ट में नंबर प्लेट पर स्टिकर लगाने, पेंट करने या कुछ बदलाव करने को लेकर नियम स्पष्ट हैं। एक ट्रैफिक अधिकारी ने कहा, ‘हम लगातार अभियान चलाकर इस तरह की चीजों पर अंकुश लगाने की कोशिश करते हैं। जब कार मालिक समाज में स्टेटस या पावर दिखाने के लिए स्टिकर चिपकाए दिखते हैं तो हम स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना देते हैं।’

लाल बत्ती जैसा है स्टिकर
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट प्रिंस सिंघल ने स्टिकर की तुलना पहले इस्तेमाल की जाने वाली लाल बत्ती से की। सिंघल ने कहा, ‘लोगों ने बत्ती का गलत इस्तेमाल किया। कभी-कभी वे अपराध कर बचने के लिए इस तरह की चीजों का इस्तेमाल करते थे। दिल्ली जैसे शहर में लोग ऐसे स्टिकर लगाकर दिखावा करते हैं। यह एक आम प्रथा बन चुकी है।’ सिंघल ने कहा कि इस तरह का रवैया दिखाता है कि सिस्टम में कोई चेक्स और बैलेंस नहीं है। सिंघल ने आगे कहा कि कई राज्यों ने कारों पर पदनाम या स्टिकर लगाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। वैसा ही दिल्ली में भी होना चाहिए। वास्तव में, अगर कोई गैरकानूनी तरीके से स्टिकर के साथ पाया जाता है तो उस पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

स्टिकर में दिलचस्पी की वजह?

  • पुलिस को चकमा देने के लिए
  • स्टेटस सिंबल

कौन-कौन से स्टिकर

  • पुलिस
  • जज
  • डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट
  • भारत सरकार
  • आर्मी

स्टिकर के नियम

  • MV ऐक्ट के तहत नंबर प्लेट पर कुछ भी लिखना या छेड़छाड़ करना उल्लंघन है और कानून के तहत दंडनीय है।
  • गलत पहचान दिखाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना और/या 10 महीने से 3 साल तक की जेल हो सकती है।
  • ट्रैफिक पुलिस लगातार अभियान चलाती है और उल्लंघन पर लोकल पुलिस को सूचना देती है।

रविवार को क्या हुआ था?
एक बीएमडब्ल्यू कार ने ‘स्पोर्ट्स साइकिल’ से जा रहे 50 साल के व्यक्ति को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में साइकिल सवार की मौत हो गई। जांच के दौरान पता चला कि बीएमडब्ल्यू का टायर पंक्चर होने से ड्राइवर गाड़ी पर नियंत्रण नहीं रख सका और साइकिल सवार को टक्कर मार दी। मृतक की पहचान गुड़गांव सेक्टर-49 निवासी शुभेंदु चटर्जी के रूप में हुई।

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