अब पीएम मोदी के विदेश दौरों पर उंगली क्यों नहीं उठा पा रहा विपक्ष?

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अब पीएम मोदी के विदेश दौरों पर उंगली क्यों नहीं उठा पा रहा विपक्ष?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी हाल ही में यूरोप का दौरा (PM Modi Europe Visit) कर लौटे हैं। तीन दिन की इस यात्रा पर भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों की निगाहें लगी थी। यह दौरा इसलिए भी खास था क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच कई देश भारत की ओर देख रहे हैं। इस साल पीएम मोदी का यह पहला विदेशी (PM Modi First foreign Visit In 2022) दौरा था। 3 दिन के इस दौरे पर पीएम मोदी पहले जर्मनी पहुंचे उसके बाद डेनमार्क। लौटते वक्त पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिले। इस दौरान पीएम मोदी का इन देशों में जबरदस्त स्वागत हुआ और विदेश नीति के नजरिए से यह दौरा काफी कामयाब माना जा रहा है। हालांकि इस दौरे को लेकर भारत में विपक्ष (Opposition Parties) उतना आक्राम नजर नहीं आया और काफी हद तक चुप्पी साधे रहा जो अब तक पीएम के विदेशी दौरे पर सवाल खड़े करता रहा है। यह भी एक बड़ा सवाल है कि आखिर विपक्ष विदेशी दौरे को लेकर सवाल क्यों नहीं खड़े कर पा रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की ओर देख रहे कई देश

रूस-यूक्रेन जंग 70 दिनों से अधिक समय से जारी है और यह युद्ध अप्रत्याशित रूप से लंबा खिंच गया है। यूक्रेन के खिलाफ रूस की 24 फरवरी को शुरू हुई सैन्य कार्रवाई के बाद लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इसका अंत कब होगा। रूस की ओर से हमला दिनोंदिन तेज हो रहा है वहीं यूक्रेन भी पीछे हटने को राजी नहीं है। वहीं इस युद्ध को लेकर दुनिया के अधिकांश देश अलग-अलग खेमों में बंट गए हैं। कोई रूस के साथ तो वहीं कई यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका और दूसरे देशों के साथ। युद्ध के इतने दिनों के बाद भी भारत का स्टैंड नहीं बदला है और न ही वो किसी देश के दबाव में आया है। वहीं इस युद्ध को लेकर कई देश भारत की ओर देख रहे हैं उसमें यूक्रेन भी शामिल है। इस युद्ध के बीच भारत कूटनीति का केंद्र बन गया।

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चीन के विदेश मंत्री वांग यी, अमेरिका की राजनीतिक मामलों की उप-विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलैंड जबकि ऑस्ट्रिया एवं यूनान के विदेश मंत्रियों सहित कई उच्च स्तरीय हस्तियों ने पिछले दिनों भारत की यात्रा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पीएम मोदी की बात हुई। अभी हाल ही में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे थे। इस दौरान कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बात हुई। भारत संयुक्त राष्ट्र (UN) में रूस के खिलाफ प्रस्तावों पर वोटिंग से अपने को दूर ही रखा है और किसी के दबाव में नहीं आया है इस कारण भी दुनिया की निगाहें भारत पर जम गई हैं। पीएम मोदी को जो बोलना था और जिस देश के सामने बोलना था उन्होंने वही किया। आज दुनिया के कई देश भारत की ओर देख रहे हैं।

विदेशी दौरे को लेकर विपक्ष के सवाल और सरकार का जवाब
नरेंद्र मोदी 2014 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बने उसके बाद से ही उन्होंने अमेरिका, चीन, जापान,ब्राजील समेत दुनिया के कई देशों का दौरा किया। पीएम मोदी जहां भी गए वहां उनका भव्य स्वागत हुआ। पीएम मोदी ऐसे कई देशों में गए जहां अब तक कोई भारतीय प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे थे। इसमें इजराइल भी वो देश था। साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से दोनों देशों के रिश्तों को वास्तव में गति मिली। 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का यह बेहद महत्वपूर्ण क्षण था जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इजराइल की पहली यात्रा थी।

PM Modi in America

वहीं भारत में विपक्ष प्रधानमंत्री के इन दौरों को लेकर सवाल खड़े करते रहा है। विपक्षी दल खासकर कांग्रेस की ओर से कई मौकों पर विदेशी दौरे के खर्च को लेकर सवाल खड़े किए गए। वहीं पार्टी के कई नेताओं की ओर से इवेंट का भी नाम दिया गया। पीएम नरेंद्र मोदी का विदेश दौरा अक्सर विपक्ष के निशाने पर होता है और वे इन यात्राओं पर होने वाले खर्च का हिसाब भी मांगते रहते हैं। इसी क्रम में संसद में भी इस संबंध में सवाल पूछा गया। सरकार की ओर से इसका जवाब भी दिया गया। विदेश मंत्रालय की ओर से 2020 में बताया गया कि पिछले पांच सालों में पीएम मोदी के विदेश यात्राओं पर 446.52 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। साल 2015-16 के बीच पीएम मोदी की यात्रा पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ है। उस अविध में उनके विदेश दौरे पर 121.85 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

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वहीं, 2016-17 में 78.52 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में इस बाबत 99.90 करोड़ रुपये और 2018-19 में 100.02 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा पर 46.23 करोड़ रुपये खर्च हुए।

  • प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरे और खर्च की पूरी लिस्टयहां देखें

विपक्ष के सामने कई सवाल, अब मुद्दा बनाया तो…
बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक 63 विदेशी दौरे कर चुके हैं और इस दौरान करीब 115 देशों की यात्रा वो कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में पहली बार विदेशी दौरे पर भूटान पहुंचे थे। इसके बाद इसी साल जुलाई के महीने वो ब्राजील और फिर अगले महीने नेपाल के दौरे पर थे। सितंबर के महीने वो जापान और उसके बाद प्रधानमंत्री अमेरिका पहुंचते हैं। 2015 में वो फ्रांस, जर्मनी और कनाडा पहुंचते हैं। चीन, बांग्लादेश समेत सभी पड़ोसी देशों में पीएम मोदी पहुंचते हैं। अमेरिका, रूस कुछ ऐसे देश हैं जहां पीएम मोदी एक से अधिक मौके पर उस देश की यात्रा पर गए।

navbharat times -युद्ध के खिलाफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल में कई देशों का दौरा किया। पीएम मोदी के विदेशी दौरे को लेकर विपक्षी की ओर से खूब निशाना साधा गया। कांग्रेस की ओर से कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर सवाल खड़े किए गए। पीएम मोदी का विदेश दौरा विपक्ष के निशाने पर था लेकिन जनता के बीच उनकी पकड़ और मजबूत होते जा रही थी। किसी भारतीय प्रधानमंत्री का विदेशी धरती पर स्वागत देखकर जनता खुश थी। आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी दूसरी बार फिर भारी बहुमत के साथ पीएम बनते हैं। हालांकि दूसरे कार्यकाल में विपक्ष पीएम के दौरे को लेकर उतना आक्रामक नजर नहीं आ रहा।

navbharat times -
कोरोना का समय आया और फिर यूक्रेन युद्ध। इस आपदा के दौर में भारत की तरफ दुनिया के कई देश देख रहे हैं। कोरोना के वक्त भारत की ओर से कई देशों को टीका और दूसरे राहत के सामान पहुंचाए गए। यूरोप दौरे को लेकर विपक्ष खासकर कांग्रेस की ओर से ज्यादा टिप्पणी नहीं की गई शायद उसे भी इस बात का एहसास है कि कहीं दांव उल्टा न पड़ जाए।



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