अधिक कोष हासिल करने के लिए कंपनियों का रूप ले रहे हैं बंगाल किसान उत्पादक संगठन

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अधिक कोष हासिल करने के लिए कंपनियों का रूप ले रहे हैं बंगाल किसान उत्पादक संगठन

अधिक कोष हासिल करने के लिए कंपनियों का रूप ले रहे हैं बंगाल किसान उत्पादक संगठन

कोलकाता, आठ दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में कई किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को केंद्रीय योजनाओं से धन और वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने के लिए कंपनियों में बदल दिया गया है। इन एफपीओ में ट्रस्ट और सहकारी समिति जैसी इकाइयां शामिल है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

एफपीओ एक पंजीकृत कृषि संगठन है और इसके सदस्य कृषि उत्पादों के प्राथमिक उत्पादक होते हैं। इन संगठनों को विशेष रूप से कई सरकारी लाभ प्रदान किए जाते हैं, जो वैसे किसी भी किसान के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं।

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राज्य में लगभग 353 एफपीओ हैं। बंगाल में ये संगठन ज्यादातर ट्रस्ट या सहकारी संरचना में थे, लेकिन अब उन्हें राज्य सरकार की मदद से कंपनियों में परिवर्तित किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि सभी एफपीओ, जो अब बन रहे हैं, कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत हो रहे हैं और मौजूदा नए कॉरपोरेट ढांचे के लिए औपचारिकताएं पूरी करने की प्रक्रिया में हैं।

अधिकारी ने कई योजनाओं में से कृषि बुनियादी ढांचा कोष का नाम लिया, जो भंडारण, शीतभंडारण श्रृंखला और अन्य संबंधित सुविधाओं के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये तक कम ब्याज पर ऋण प्रदान करता है।

राज्य के कृषि मंत्री सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को कुछ केंद्रीय सब्सिडी और वित्तीय संस्थानों से कम ब्याज पर ऋण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। हमने कंपनी अधिनियम के तहत कॉरपोरेट संरचनाओं वाली कंपनियों में परिवर्तित करने में इन संगठनों की सहायता करने की पहल की। ताकि वे सरकारी लाभ प्राप्त कर सकें। अधिकतर एफपीओ संशोधित ढांचे में परिवर्तित कर दिये गए हैं।’’

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार वर्ष 2027-28 तक 6,865 करोड़ रुपये के कुल बजटीय परिव्यय के साथ 10,000 एफपीओ के निर्माण और संवर्धन को प्रोत्साहित कर रही है।

अधिकारी ने कहा कि नाबार्ड के स्वामित्व वाली नवकिसान ने देश के विभिन्न राज्यों में 550 एफपीओ को 225 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी है।

रेनगंज स्थित एफपीओ बिंदोले एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के सीईओ कालीचरण बनर्जी ने कहा, ‘‘हम 1,000 किसान संगठन हैं और अब इसे कंपनी अधिनियम के तहत एक ट्रस्ट जैसी संरचना से एक कंपनी के रूप में बदल दिया है ताकि हमें दो करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सके…।’’

अधिकारी ने कहा कि इकाई संरचना में बदलाव के साथ, कृषि क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली एनबीएफसी भी अल्पकालिक ऋण देने में रुचि दिखा रही हैं।

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