AIIMS में छठे दिन भी मैन्युअली हुआ कामकाज, डिजिटल तरीके से काम शुरू होने में लग सकते हैं 2-3 दिन

150
AIIMS में छठे दिन भी मैन्युअली हुआ कामकाज, डिजिटल तरीके से काम शुरू होने में लग सकते हैं 2-3 दिन

AIIMS में छठे दिन भी मैन्युअली हुआ कामकाज, डिजिटल तरीके से काम शुरू होने में लग सकते हैं 2-3 दिन

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूट एम्स में लगातार 7वें दिन डिजिटल सेवाएं ठप रहीं। मरीजों का ओपीडी कार्ड हाथ से बनाया जा रहा है। एडमिशन प्रोसेस भी हाथ से लिखकर किए जा रहे हैं। यहां तक कि सैंपल जांच भी मैन्युअली ही हो रही है। इलाज पर इसका बहुत ज्यादा असर तो नहीं हो रहा है, लेकिन काम में समय ज्यादा लग रहा है। एम्स के अंदर इंटरनल काम, एक विभाग से दूसरे विभागों में सूचना के आदान प्रदान डिजिटल तरीके से नहीं हो पा रहे हैं। एग्जाम पोर्टल आदि भी ठप है। सूचनाएं हार्ड कॉपी के जरिए ही एक से दूसरे तक पहंचाई जा रहीं हैं। एम्स सूत्रों का कहना है कि डिजिटल तरीके से काम शुरू होने में अभी और 2 से 3 दिन का समय लग सकता है। नोटिस के अनुसार, इस हफ्ते में एम्स नेटवर्क को फॉर्मेट किया जाएगा। ताकि आगे के लिए सिस्टम को और भी सुरक्षित किया जा सके।

सूत्रों की माने तो अभी तक सिर्फ 50 में से 20 सर्वर ही क्लीन हुए हैं। अभी 30 सर्वर बाकी है। इसके अलावा एम्स में लगभग 5 हजार कंप्यूटर है, इसमें मात्र 1200 फॉर्मेट हुए हैं। ऐसे में ऑनलाइन प्रक्रिया को शुरू होने में थोड़ा और वक्त लग सकता है। सर्वर ठप होने से मरीजों को पर्ची बनवाने और रिपोर्ट लेने में काफी दिक्कत हो रही है। टेस्ट की रिपोर्ट के लिए मरीजों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पुरानी रिपोर्ट भी ऑनलाइन नहीं मिल पा रही है।

Delhi AIIMS Server Hack: 36 घंटे बाद भी रिकवर नहीं हो पाया सर्वर, दिल्ली एम्स में कठिन हो गया काम-काज, मामला दर्ज
एम्स सूत्रों का कहना है कि सभी जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं। सिस्टम को क्लीन करने का काम किया जा रहा है। लगभग 5 हजार कंप्यूटर को स्कैन करने का काम किया जा रहा है। कंप्यूटर को रैनसमवेयर अटैक से बचाने के लिए काम किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना को टाला जा सके। हालांकि, एम्स सूत्रों का कहना है कि पहला फोकस है कि कंप्यूटर को स्कैन कर शुरू किया जाए और पुराने डाटा भी रिस्टोर किए जाएं। क्योंकि मेन सर्वर के अलावा दो बैकअप सर्वर भी थे, जिनमें से एक बैकअप सर्वर को अटैक से पहले बंद कर दिया गया था। उम्मीद है कि स्कैन के बाद डाटा रीस्टोर हो सकता है।

बता दें कि 23 नवंबर को एम्स के सर्वर में रैनसमवेयर अटैक हुआ था। पूरी डिजिटल सेवाएं ठप हो गईं। एनआइसी (नेशनल इन्फार्मेटिक सेंटर), इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आइएन) और सीडैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) की टीम इस समस्या का हल निकालने के लिए जुटी है। एम्स की तरफ से दावा किया जा रहा था कि सोमवार से कुछ जगहों पर डिजिटल सेवाएं शुरू हो जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। अब कहा जा रहा है कि इसमें और 2-3 दिन लग सकते हैं।

navbharat times -Delhi Aiims Cyber Attack: साइबर अटैक के बाद अब तक उबर नहीं पाया AIIMS, परेशानी में कई मरीज
शुरुआत में ओपीडी और आईपीडी के साथ साथ लैब पर इसका असर हुआ था। लेकिन अब मैन्यूअली अच्छे से इसे मैनेज किया जा रहा है। स्टाफ बढ़ाए गए हैं। निगरानी की जा रही है। कहीं से शिकायत नहीं आ रही है। एम्स के स्मार्ट लैब पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है, लेकिन बाकी लैब का काम मैन्युअली हो रहा है। क्योंकि बारकोड नहीं बनने की वजह से डिजिटल तरीके से काम नहीं हो पा रहा है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News