मामला तमिलनाडु का है, जहां पर एक महिला ने अपने ही पति पर घिनौना आरोप लगाया है. हैरान कर देने वाली बात तब सामने आई, जब इस महिला ने अपने पति पर ही बेटी के साथ रेप करने का आरोप लगाया है.
जिसके बाद महिला के पति को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फॉम सेक्शुअल ऑफेंसिस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन इस मामले का खुलासा होने के बाद पति को रिहा कर दिया गया, क्योंकि उसकी बेटी ने कोर्ट में रेप नहीं होने की बात कहीं है.
बता दें कि 2018 में महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया था. महिला ने कहा कि रेप के बाद उसकी बेटी प्रेग्नेंट हो गई थी. जिसके बाद दवाई के जरिए उसका गर्भपात करा दिया गया, लेकिन लड़की के बयान के बाद ही कोर्ट ने उसके पति को रिहा कर दिया. उसकी पत्नी ने विवाद के चलते आरोप लगएं, ताकि उसे अपने दो बच्चों की कस्टडी मिल सके.
इस पर बेटी ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पिता के साथ रहना चाहती है. इसके बाद ही जस्टिस आनंद वेंकटेश ने महिला द्वारा लगाएं गए सारे आरोपो को खारिज कर दिया. फिलहाल कोर्ट ने पुलिस को महिला के लगाए गए झूठे आरोप पर POCSO एक्ट की धारा 22 के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए.
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साथ ही कोर्ट के जज ने यह आदेश दिए है कि इस मामले पर कार्रवाई जल्द से जल्द की जाएं, साथ ही यह उन लोगों के लिए सबक होना चाहिए. जो अपने फायदे के लिए किसी पर भी गलत आरोप लगाते है. जब यह मामला कोर्ट में आया, तो सब लोग हैरान हो गये कि एक मां अपने बच्चे की कस्टडी पाने के लिए अपने ही पति पर ऐसा घिनौना आरोप लगा सकती है.