कोरोना वायरस की वजह से ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया बुरी तरह से प्रभावित हुई. जिसको रोकने के लिए लगभग सभी देशों की सरकारों ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी. भारतीयों को भी कोरोना वायरस से बचने के लिए काफी लंबे समय तक लॉकडाउन को सहारा लेना पड़ा था. जिसके बाद कोरोना वायरस काबू में आता हुआ दिखा रहा था.
जिसके बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन एक समय पर पूरी तरह से नियंत्रण में दिखने वाले कोरोना वायरस के मामले अचानक बढ़ गए हैं. सबसे बड़े आश्चर्य की बात ये है कि कोरोना वैक्सीन के आने के बाद इस तरह मामले बढ़ते जा रहे हैं, इसके साथ ही कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. जो निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है. जिसको देखते हुए सरकारें फिर से सतर्कता बरत रही हैं तथा कुछ क्षेत्रों में इसके लिए कड़ाई शुरू की गई है.
भारत में नियंत्रण के बाद भी कोरोना वायरस के बेकाबू होने के कारण की बात करें, तो इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों के मन से कोरोना का भय खत्म हो गया. जिसके कारण लोगों की इस महामारी की प्रति लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है. जिसका खामियाजा वर्तमान में लगातार बढ़ते जा रहे मामलों के रूप में साफ तौर पर देखा जा सकता है.
इसके अलावा कोरोना वायरस के प्रचार को रोकने के लिए वैक्सीन तैयार की गई है , लेकिन कोरोना वैक्सीन की पहली ड़ोज लेने के बाद दूसरी वैक्सीन की डोज के प्रति लोगों की उत्सुकता कम नजर आ रही है. जिससे कारण वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना वायरस बेकाबू होता जा रहा है.
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लोगों की इसी लापरवाही को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि कार में अकेले होने पर भी मास्क लगाना अनिवार्य है. कोरोना वायरस के फिर से बेकाबू होने के पीछे लोगों की लापरवाही साफ नजर आ रही है. समय रहते हुए वैक्सीन लगवाने तथा कोरोना से संबंधित निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो इसके बहुत बुरे परिणाम हमारे सामने देखने को मिल सकते हैं.