स्त्री और पुरुष में से कौन ज्यादा दर्द सह सकता है ?

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स्त्री और पुरुष में से कौन ज्यादा दर्द सह सकता है ?
स्त्री और पुरुष में से कौन ज्यादा दर्द सह सकता है ?

स्त्री और पुरुष में से कौन ज्यादा दर्द सह सकता है ? ( Which woman or man can bear more pain? )

आमतौर पर हमने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि मर्द को दर्द नहीं होता. इसके अलावा काफी बार रोते हुए लड़को को ये भी कहा जाता है कि लड़के रोते नहीं है. कभी कभी ऐसा भी कहा जाता है कि लड़के और लड़कियों में कोई फर्क नहीं होता है. इसी कारण लोगों के मन में स्त्री और पुरूष की मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति पर कई तरह के सवाल आते हैं. वैसे ये सवाल काफी रोचक भी होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के मन में आता है कि स्त्री और पुरुष में से कौन ज्यादा दर्द सह सकता है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

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स्त्रि और पुरूष

कौन ज्यादा दर्द सहन कर सकता है स्त्री या पुरूष-

इसी सवाल को लेकर ‘विंगेट इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोगैस्ट्रोएंट्रोलोजी’ की तरफ से एक रिसर्च किया गया. इस रिसर्च में 16 स्त्रि और 16 पुरूषों को शामिल किया गया था. इन सभी को समान तकलीफदेह चिकित्सा परीक्षण से गुजारा गया. ऐसे में पुरूष और स्त्रि दोनों को ही समान रूप से तकलीफ महसूस हुई. इसी परीक्षण में दिमाक का स्कैन करने के बाद पता चला कि इस परीक्षण के दौरान दर्द की स्थिति में महिलाओं ने दर्द को नकारात्मक भावनाओं से जोड़ा तथा पुरूषों ने दर्द की अपेक्षा करने का प्रयास किया. हालांकि दोनो को तकलीफ समान रूप से महसूस हुई. यहां यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि इस रिसर्च में सिर्फ 32 लोगों को शामिल किया गया था. इतने छोटे रिसर्च के आधार पर हम किसी सार्वभौमिक नतीजे पर नहीं पहुँच सकते.

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स्त्रि पुरूष

वैसे कुछ लोगों द्वारा ऐसा भी माना जाता है कि शारीरिक तौर पर दर्द सहने में महिलाएं मजबूत होती हैं. आमतौर पर कहा जाता है कि जब कोई स्त्रि माँ बनती है, तो उस समय उसे एक साथ 20 हड्डियों के टूटने का दर्द एक साथ होता है. जिसमें महिलाएं 57 डेल ( दर्द मापने की इकाई ) दर्द का बर्दास्त कर सकती हैं. वहीं अगर पुरूष की बात करें, तो वह 45 डेल दर्द को ही सहन करने की क्षमता रखता है. अगर इससे अधिक दर्द होता है, तो उसकी मौत भी हो सकती है. इसी कारण कुछ लोग मानते हैं कि स्त्रियां शारीरिक तौर पर पुरूषों से मजबूत होती हैं.

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वैसे इस मामले में कुछ लोगों का यह भी मानना है कि महिलाएं शारीरिक तौर पर मजूबत होती है. जोकि प्रसव पीड़ा को सहन कर सकती है, शायद पुरूष इतना शारीरिक दर्द सहन नहीं कर पाएगा. ठीक ऐसे ही मानसिक तौर पर पुरूष अधिक सहनशील तथा मजूबत होते हैं क्योंकि उनके ऊपर परिवार को आर्थिक तौर पर संभालने तथा समाज के लोगों से अधिक संपर्क रखने के कारण होता है. हालांकि ये सब सुनी सुनाई बातें हैं. लेकिन फिर भी हमारे पालन पोषण तथा हमारी परवरिस किस महौल में हुई है. इस बात पर भी हमारी शारीरिक तथा मानसिक सहनशीलता निर्भर करती है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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