देवो के देव महादेव के अनगिनत मंदिर भारत ही नहीं विदेश में भी मौजूद है। लेकिन क्या आप जानते है भगवान शिव का सबसे प्राचीन और विख्यात मंदिर आखिर कहा है? तो चलिए हम आपको बताते है भगवान का सबसे प्राचीन मंदिर जो रामायण काल से स्तिथ है। इस मंदिर का नाम मुरुदेश्वर मंदिर है और यह कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिला है,इस जिले की भटकल तहसील में ही मुरुदेश्वर मंदिर के नाम से प्रख्यात है। इस भव्य मंदिर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित हैं। जिसकी ऊंचाई लगभग 123 फीट है। मूर्ति इतनी बड़ी और आकर्षक है कि उसे दुनिया की दूसरी सबसे विशाल शिव प्रतिमा के तोर पर माना जाता हैं। इस मंदिर को देखने देश ही नहीं विदेश से भी लोग भड़ी तादाद में आते है।
आपको बताना चाहेंगे की प्राचीन शिवलिंग की स्थापना भी यही हुई है। जब रावण भगवान शिव को प्रसन्न करके आत्मलिंग लेकर लंका के तरफ लौट रहा था तो देवताओं ने उसे रास्ते में ही छल करके रोक दिया और रावण ने आत्मलिंग रखा दिया जिस स्थान पर आत्मलिंग रखा गया वो बैजनाथ ज्योतिर्लिंग माना जाता है, उसी समय दक्षिण भारत में इस शिवलिंग की स्थापना हो गई थी।
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यह विशाल और भव्य मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुई है और इसके तीन ओर अरब सागर है। यह नज़ारा अत्यंत ही सुन्दर दिखता है। चारों तरफ पहाड़, हरियाली और नदियों की वजह से यह क्षेत्र बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है। इस मंदिर की खूबसूरती का वर्णन शब्दो में नहीं किया जा सकता है। यहाँ दिल से जो मनोकामना मांगी जाती है भगवान शिव की अत्यंत कृपा से जरूर पूर्ण होती है।