उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) के पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. वे अपनी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. सूबे में चुनाव कराने की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं. पंचायत चुनाव (up panchayat election 2021) को लेकर कई जिलों में कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर भी काम शुरू हो चुका है. हालांकि यूपी में पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा अभी बाकी है. इसी बीच इस संबंध में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह का बयान सामने आया है.
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि 10 जनवरी को इस संबंध में एक अहम बैठक हो चुकी है .उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है. इस बार भी ऐसे ही होगा. इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. बाकी ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय करने का काम किया जाएगा. आगे उन्होंने बताया कि इस बारे में शासनादेश जारी करने का काम होगा. आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी वक्त है. पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी में जुटा हुआ है. परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होगी.
जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में सूचना पट पर लगातार 3 दिन तक सूची प्रदर्शित की जाएगी। कोई व्यक्ति जिसे किसी आरक्षण प्रस्ताव के विरुद्ध कोई आपत्ति है तो वह प्रदर्शन की तारीख प्रकाशन के 7 दिन के अंदर प्रस्तावित आपत्ति ब्लॉक कार्यालय, डीपीआरओ कार्यालय या जिलाधिकारी कार्यालय में दे सकता है। आपत्ति लेने की अवधि समाप्त होने के अगले दिन सभी आपत्तियां डीपीआरओ कार्यालय में इकट्ठा की जाएंगी। दो दिन के अंदर उनका निस्तारण जनपद स्तर पर गठित समिति करेगी। इस समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे जबकि डीपीआरओ सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सदस्य होंगे।
आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षित स्थानों और पदों के आवंटन को जिलाधिकारी अंतिम रूप देंगे। आवंटित स्थानों और पदों की सूची दोबारा कार्यालयों के सूचनापट पर दो दिन तक प्रदर्शित करेंगे। आवंटित पद व स्थानों का प्रारूप एक, दो, तीन व चार पर विवरण की हार्ड कापी दो प्रतियों में निदेशक पंचायती राज को 16 मार्च तक उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चंद्र ने बताया कि शासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। उसी के अनुसार काम किया जाएगा। सबसे पहले शासन स्तर पर डीपीआरओ व जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद डीपीआरओ व एएमए मिलकर जनपद स्तर पर विभागीय स्टाफ को ट्रेनिंग देंगे। आरक्षण घोषित होने के बाद आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए कमेटी का गाठन शासन स्तर से कर दिया गया है।
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