हिरोशिमा और नागासाकी जब अमेरिकी परमाणु हथियारों से तबाह हो गए थे

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आज ही 9 अगस्त 1945 को अमेरिका नें अपने शाक्तिशाली परमाणु हथियारो से जापान के नागासाकी को राख के ढेर में तब्दील कर दिया था। इस हमले में 70000 लोग मारे गए थे। इससे ठीक तीन दिन पहले अमेरिका नें जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा कर एक झटके में ही 140000 लोगों की जान ले ली थी। अमेरिका के इस हमले में जापान के दोनों शहरों का 90 प्रतिशत हिस्सा पुरी तरह से तबाह हो गया था। जापान पर अमेरिकी परमाणु हमला दुनिया का पहला परमाणु हमला था और अब तक का आख़िरी परमाणु हमला है। इसके बाद मानवता के नरसंहार को लेकर पुरी दुनिया में आवाज़ें उठती रहीं हैं।

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लिटिल ब्वॉय और फैट मैन ने मचाई थी तबाही

अमेरिका नें उस वक्त अपने परमाणु हथियारों के नाम लिटिल ब्यॉय और फैट मैन रखा था। अमेरिका नें हिरोशिमा शहर पर गिराए गए बम को नाम दिया था लिटिल ब्यॉय। बी-29 विमान में रखे इस बम की लंबाई 3.5 मीटर और वजन 4 टन था। इसका रंग नीला और सफेद था। इस बम को बेहद गुप्त परियोजना के तहत न्यू मैक्सिको की प्रयोगशाला में तैयार किया गया था। लिटिल ब्यॉय को आसमान से हिरोशिमा शहर को छूने में तकरीबन 43 सेकेंड लगे और पलभर में शहर को तबाह कर दिया। जब यह फटा तापमान अचानक दल साख सेंटीग्रेड से भी अधिक पहुंच गया था। इसी प्रकार नागासाकी पर गिराए जाने वाले बम को फैट मैन नाम दिया गया था। इस बम का वजन 4.5 टन था, जबकि लंबाई 11.5 फुट थी। जानकारों के अनुसार दोनों बमों को गिराए जाने के बाद करीब 1005 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली थी और 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में गड्ढे बन गए थे।

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संयुक्त राष्ट्र कहता रहा है परमाणु निस्त्रीकरण की बातें

पिछले कईं सालों से संय़ुक्त राष्ट्र परमाणु हथियारों को ख़्तम करने की बातें कहता आया हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है की आज दुनिया बारुद के ढेर के ऊपर बैठी हैं। आज दुनिया में कईं देशों के पास ख़तरनाक परमाणु हथियार हैं। जिसमें, भारत , अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, रुस, इंग्लैंड, नार्थ कोरिया। इन सभी देसों के अपने पडोसी देशों के साथ राजनीतिक और आर्थिक मदभेद हैं। यहां तक पाकिस्तान जैसे देश के पास भी परमाणु हथियार है जहां पर आतंकी पल रहें हैं।  ऐसी हालातों में अगर परमाणु युद्रद हआ तो स्थिति बहुत ज्यादा ख़तरनाक होगी।

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