पढ़ें, नोटबंदी के बाद आरबीआई ने 500 और 1000 के नोटों का क्या किया?

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पढ़ें, नोटबंदी के बाद आरबीआई ने 500 और 1000 के नोटों का क्या किया?

आज ही के दिन एक साल पहले सरकार ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए। लोगों में अफरा-तफरी का माहौल था। सरकार के निर्देशानुसार पुराने नोट बैंकों में जमा कराना था, सो कराने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहे और नोट बंद करवाया। लेकिन लोगों के मन में एक सवाल रह गया कि आखिरकार रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया पुराने नोटों का क्या करती है, तो आइये जानते हैं-

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आरबीआई का कहना है कि वह नोटों को खत्म करने की तैयारी में जुटा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “हम पूरी तरह से इन पुराने करेंसी नोटों की श्रेडिंग (नोटों का छोटे-छोटे टुकड़े करना) करने के लिए हर तरह से तैयार हैं।” अधिकारी ने बताया, “क्योंकि इन नोटों को रिसाइकल नहीं किया जा सकता है, इसलिए इन्हें श्रेड किया जाएगा और फिर इन्हें पिघलाकर कोयले की ईंटों को तैयार किया जाएगा। इसके बाद इन ईंटों को ठेकेदारों को दे दिया जाता है जो इनका इस्तेमाल सड़कों के गड्ढों जैसी लैंड फिलिंग के लिए करते हैं।”

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पुराने नोटों से आरबीआई बनाएगी ईंट

आरबीआई के अधिकारियों के मुताबिक 22 अरब नोटों को कचरा ही समझा जाएगा। मतलब ये हमारे लिए नोट नहीं बल्कि कचरा है। इन्हें मशीन से काटकर ईंटों के आकार में बदल दिया जाएगा। आमतौर पर कागज से बनी ऐसी ईंटों का इस्तेमाल फैक्ट्रियों में किया जा सकता है, लेकिन पुराने नोटों के साथ ऐसा नहीं किया जाएगा। आरबीआई प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने बताया, “ये ईंटें नोट के कागज से बनी होंगी। ये बहुत नाजुक होंगी और किसी काम नहीं आएंगी। लिहाजा इन्हें मिट्टी के नीचे दबा दिया जाएगा।

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“एवरेस्ट से 300 गुना ज्यादा ऊंचा होगा पुराने नोटों का ढेर

अनुमान के मुताबिक बैंकों में 22 अरब पुराने नोट जमा हुए होंगे जो सिर्फ कचरा है। अगर इन नोटों का एक के ऊपर एक ढेर लगाया जाए तो उस ढेर की ऊंचाई एवरेस्ट से 300 गुना ज्यादा होगी। दरअसल 8 नवंबर 2016 से पहले भारत में 90 अरब नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक इनमें से 500 और 1000 रुपये के नोट 86 फीसदी थे।

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99 प्रतिशत वापस आए नोट

8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने पुराने नोटों के सरकारी बैंकों में वापस आने से जुड़े आंकड़े बताए हैं। आरबीआई ने कहा है कि नोटबंदी के बाद 1000 रुपये और 500 रुपये के करीब 99 प्रतिशत नोट वापस आए हैं। आरबीआई ने बताया कि कुल 15 लाख 44 हजार करोड़ के पुराने नोट बंद हुए थे। इनमें से 15 लाख 28 हजार करोड़ की रकम बैंकों में लौटी है। नोटबंदी के बाद पुराने 1,000 रुपये के कुल 632.6 करोड़ नोटों में से 8.9 करोड़ नोट अब तक नहीं लौटे हैं।

2015-16 में आरबीआई ने 16.4 अरब नोट नष्ट किए

आरबीआई अधिकारियों का कहना है कि पुराने नोटों के इस ढेर से निपटना कोई बड़ी बात नहीं होगी। किलावाला ने बताया, “बैंक को इन नोटों को नष्ट करने में कोई मुश्किल नहीं होगी क्योंकि हमारे पास काफी मशीनें हैं।” 2015-16 में आरबीआई ने 16.4 अरब नोट नष्ट किए हैं।

चीन के बाद भारत सबसे ज्यादा नोट छापने वाला देश

चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा नोट छपते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि भारत में ज्यादातर काम कैश में ही होता है। अलग-अलग देशों में पुराने और चलन से बाहर हो चुके नोट नष्ट करने के लिए अलग अलग तरीके आजमाए जाते हैं।

विदेशों में बेकार नोटों से बनती है खाद

दुनिया भर में केंद्रीय बैंक अलग-अलग तरीकों से पुराने नोटों का निबटान करते हैं। इनमें से एक तरीका इन नोटों को जलाकर इमारतों को गर्म करने का काम भी किया जाता है। 1990 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड की ओर से बैंकों के निपटान के लिए इसी तरीके को अपनाया जाता था। वर्ष 2000 के बाद से बैंक ऑफ इंग्लैंड ने प्रचलन से बाहर हुए नोटों की खाद तैयार करना शुरू कर दिया है।

2012 में हंगरी में पुराने नोटों से अलाव जलाया गया था

अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व पुराने नोटों की श्रेडिंग कर इन्हें कलात्मक और वित्तीय इस्तेमाल के लिए सौंप देता है। 2012 में हंगरी के केंद्रीय बैंक ने प्रचलन से बाहर हुए नोटों को जला दिया था ताकि गरीब लोग सर्दी में आग सेंक सकें। इसके बाद इनकी ईंटें तैयार की गईं और फिर उन्हें मानवाधिकार संगठनों को सौंप दिया गया।