जानियें, डोकलाम विवाद पर चीन ने क्या कहा?

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जानियें, डोकलाम विवाद पर चीन ने क्या कहा?
जानियें, डोकलाम विवाद पर चीन ने क्या कहा?

भारत और चीन का तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है, दोनों ही देश पीछे हटने को राजी नहीं हो रहे है, ऐसे में युद्ध की संभावाए और भी बढ़ती ही जार रही है। भारत औऱ चीन के डोकलाम विवाद पर चीन ने एक बड़ा बयान दे दिया, जिसकी वजह से तनाव और भी बढ़ने के कगार पर आ चुका है। जी हाँ, चीन ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसकी वजह से विवाद और भी बढ़ सकता है। विवाद की मोड़ तक जाता है, यह तो खैर वक्त ही बताएगा। लेकिन आइयें जानते है कि चीन ने आखिर क्या है डोकलाम विवाद पर।

आपको बता दें कि डोकलाम विवाद पर चीन ने कहा है कि डोकलाम हमारा एक गैर-विवादित इलाका है, हमारे सड़क निर्माण के बहाने इस एरिया में हुई भारत की घुसपैठ का कोई कानूनी आधार नहीं है और उसके तर्क बेतुके हैं। चीन के बयानों पर गौर किया जाए तो यही साफ होता है कि चीन भारत पर आरोप लगा रहा है। आपको यह भी बता दें कि चीन के फॉरेन मिनिस्ट्री की प्रवक्ता का यह बयान भारत के होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह के बयान के जवाब में आया है। आपको याद दिला दें कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम एरिया में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है, जिसका विरोध भारत और भूटान कर रहे हैं। लगभग तीन महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं।

भारत अपने सैनिकों को वापस बुलाए- चीन
खबर के मुताबिक, डोकलाम विवाद को हल करने की शर्त और आधार यह है कि भारत तुरंत और बिना शर्त रखे बॉर्डर से घुसपैठ करने वाले अपने सैनिकों को वापस बुलाए। साथ ही अपने इक्विपमेंट्स को भी हटाए। साथ ही चीन ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि भारत अपनी गलत हरकतों और लफ्जों को सुधारने के लिए प्रैक्टिकल और पॉजिटिव एक्शन लेगा। डोकलाम विवाद पर चीन ने यह भी कहा कि चीन एक शांतिप्रिय देश है और हम निश्चित तौर पर शांति बरकरार रखना चाहते हैं। हम अपनी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की भी हर हाल में रक्षा करेंगे। चीन किसी भी देश को अपनी क्षेत्रीय सम्प्रभुता का उल्लंघन नहीं करने देगा।

भारत के कंस्ट्रक्शन को रोकने के लिये सेना भेजेंगे-
खबर के मुताबिक, चीन की तरफ से जारी किये गये बयान में यह बी कहा गया कि अगर चीन को लगा कि बॉर्डर एरिया में भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन बीजिंग की सिक्युरिटी के लिए खतरा है, तो हम इसे रोकने के लिए खुलेआम भारतीय क्षेत्र में अपनी सेना भेजेंगे। साथ ही भारत को चेतावनी देते हुए चीन ने कहा कि हास्यास्पद तर्क को बर्दाश्त करने से इंटरनेशनल नॉर्म्स कमजोर होंगे।

जानियें, राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?
आपको याद दिला दें कि देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, कि हालांकि भारत आक्रामक नहीं है और वह कभी पहले हमला भी नहीं करेगा, लेकिन भारत अपनी सुरक्षा- व्यवस्था से समझौता भी नहीं करेगा। साथ ही गृहमंत्री सिंह ने ये भी कहा था कि भारत को उम्मीद है कि चीन डोकलाम गतिरोध पर जल्द ही बातचीत की पहल करेगा। सिंह ने उम्मीद भी जताई थी कि बीजिंग इस मामले में एक पॉजिटिव कदम उठाएगा।