जानिए मुंबई में मंदिर खोलने का सरकारी निर्देश क्या है?

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प्रभादेवी स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में रोज 1,000 श्रद्धालु ही मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करानी होगी। बिना बुकिंग के किसी भी श्रद्धालु को दर्शन नहीं हो पाएंगे। शिर्डी के साईं मंदिर ने प्रतिदिन 3,000 श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रबंध किए हैं। अन्य मंदिरों और विभिन्न धर्मों के धार्मिक स्थलों पर भी इसी तरह के उपाय किए गए हैं। सभी ने जनता से हर तरह की सावधानी बरतने की अपील की है।

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के चैयरमैन आदेश बांदेकर ने कहा, ‘आठ महीने के बाद सरकार ने भक्तों के लिए मंदिर खोलने का निर्णय किया है। कोरोना वायरस का संकट टला नहीं है, इसलिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना जरूरी है।’ उन्होंने अपील की, ‘दर्शन के लिए सीनियर सिटीजन मंदिर नहीं आएं। उनका स्वास्थ्य और सुरक्षा महत्वपूर्ण है। वे ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।’

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उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का राज्य सरकार का फैसला किसी की जीत या हार नहीं है। उन्होंने कहा कि पूजास्थलों को फिर से खोलने का श्रेय लेने का कोई सवाल नहीं उठता।महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने के बाद से भाजापा (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

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महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने का श्रेय जहां बीजेपी अपने सिर ले रही है वहीं शिवसेना का कहना है मंदिर खोलने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार का है और उसने किसी के दवाब में ये फैसला नहीं लिया है.शिवसेना ने कहा, भाजपा ने आंदोलन किया इसलिए भगवान के दरवाजे खोले गए जैसी बातें करना मतलब बची-खुची अक्ल को भी गिरवी रखने जैसा है. जिनका भाजपा या हिंदुत्व की विचारधारा से जरा-सा भी संबंध नहीं था, ऐसे लोग सत्ता के लिए भाजपा में घुसे. बाहरी लोग हिंदुत्व पर बोलें और सलाह दें, इसे एक मजाक ही कहा जाएगा.

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