क्या है कश्मीर का ऑपरेशन ऑलआउट?

421
news
क्या है कश्मीर का ऑपरेशन ऑलआउट?

जम्‍मू-कश्मीर में इस साल पुलिस और सेना मिलकर लगातार एनकाउंटर में आतंकियों का सफाया कर रही है। दहशतगर्दों के खिलाफ ऑपरेशन में मिल रही सफलता के बाद अब घाटी में आतंकियों की गिनती कम होती जा रही है। अब कश्मीर में 170 से 200 के बीच ही आतंकी बचे हैं। इनमें से 40 पाकिस्तान के हैं। सबसे अधिक हिजबुल और लश्कर के आतंकी हैं। जैश के आतंकियों की संख्‍या में लगातार गिरावट आ रही है क्योंकि सीमा पार से घुसपैठ नहीं हो पा रही है। ऐसे में सीमा पार ट्रेनिंग लेकर बैठे हुए जैश के आतंकी इस तरफ नहीं आ पा रहे।

जानकारी के अनुसार, कश्मीर में सभी सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से मिलकर ऑपरेशन ऑलआउट शुरू किया गया है। इसमें सभी दस जिलों में पुलिस के साथ सेना और सीआरपीएफ मिलकर काम कर रही हैं। सुरक्षाबलों को स्‍थानीय लोगों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। इससे आतंकियों की जानकारी बाहर आ जाती है। इसके अलावा युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर जाने से रोका जा रहा है। इसमें पुलिस आतंकियों के परिजनों के अलावा दोस्तों की मदद भी ले रही है। इस कारण भी युवा आतंकवाद की तरफ नहीं जा रहे है। इस वजह से आतंक की ‘पाठशाला’ में भर्ती भी कम हो रही है।

kashmir non fiii -

इस साल मारे गए 160 आतंकी
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि इस समय सबसे अधिक आतंकी लश्कर और हिजबुल के पास हैं। इन दोनों संगठनों को मिलाकर गिनती 100 से ऊपर है। बाकी बची गिनती में जैश, अल बदर, अंसार गजवत उल्ल हिंद शामिल हैं। इस साल अभी तक करीब 160 आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है। इस साल की शुरुआत में घाटी में तीन सौ तीस आतंकी थे जो अब घटकर 170 रह गई है।

kashmir non -

आतंकियों की संख्‍या के बारे में पुलिस के सीआईडी और सीआई विंग की तरफ से जानकारी दी गई है।सबसे अधिक आतंकवाद का प्रभाव दक्षिणी कश्मीर में है। उत्‍तरी कश्मीर में आतंकवाद तब बढ़ता है जब सीमा पार से ज्यादा घुसपैठ होती है जोकि इस समय नहीं हो पा रही है। इसके अलावा सेंट्रल कश्मीर में आतंकियों की गिनती नामात्र है। इसलिए अब सुरक्षाबलों का साउथ कश्मीर की तरफ फोकस ताकि इस इलाके में सक्रिय आतंकियों को मार गिराया जा सके।

यह भी पढ़ें :आचार संहिता क्या है?