तंत्रोक्त रात्रि सूक्त के लाभ क्या हैं ?

6020

तंत्रोक्त रात्रि सूक्त के लाभ क्या हैं ? ( What are the benefits of Tantrokta Ratri Sukta ? )

भारत में प्राचीन काल से ही लोग धार्मिक प्रवृति के रहे हैं. भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है. जिसके कारण वर्तमान में भी देश में अनेंक धर्मों को मानने वाले लोग मिल-झुलकर रहते हैं. इस ऐतिहासिक पृष्टभूमि के कारण लोगों में धार्मिकता और आस्था के प्रति झुकाव रहा है. आपने काफी बार सुना होगा कि लोग किसी भी विपदा से बचने के लिए या कोई शक्ति हासिल करने के लिए मंत्रों का प्रय़ोग करते थे. इसी कारण वर्तमान में भी लोग नए नए मंत्रों के प्रति जानने के इच्छुक होते हैं. इसी कारण उनके मन में कई तरह के सवाल आते हैं. इस तरह का एक सवाल जो काफी बार पूछा जाता है कि तंत्रोक्त रात्रि सूक्त के लाभ क्या हैं ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

तंत्रोक्त रात्रि सूक्त

तंत्रोक्त रात्रि सूक्त की रचना किसने और क्यों की –

किसी भी मंत्र से होने वाले लाभ को जानने से पहले उसके पीछे की पौराणिक कथाओं के बारे में जानना जरूरी होता है. ऐसा माना जाता है कि एक समय भगवान विष्णु के कानों से 2 असूर पैदा हुए. जो ब्रह्मा जी को मारना चाहते थे. इससे बचने के लिए उन्होंने देवी की अराधना या स्तुति की और अनुरोध किया कि हे देवी अपनी योग माया से भगवान जनार्धन को जगाई. जिसकी वजह से मुझे इनसे छुटकारा मिल सके. ऐसा ही हुआ देवी ने भगवान जनार्धन को जगाया और उन्होंने असूरो से ब्रह्मा जी का बचाव किया. इस रात्रि सूक्त को ब्रह्मा स्तुति के नाम से भी जाना जाता है.

तंत्रोक्त रात्रि सूक्त

तंत्रोक्त रात्रि सूक्त के लाभ –

अगर इससे होने वाले लाभ की बात करें, तो ऐसा माना जाता है कि इसका नियमित तौर पर स्मरण करने से हमें रात्रि में आने वाले डरावने सपने नहीं आते हैं. इसके अलावा हमारे आस-पास का वातावरण सकारात्मक बनता है. इसके स्मरण करने से कमजोर दिल वाले भी फायदा उठा सकते हैं क्योंकि जिनको घबराहट की समस्या होती है, उनके लिए भी यह बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है. ऐसा माना जाता है कि अगर घर में कोई एक व्यक्ति भी यदि इसका स्मरण करता है, तो पूरे घर के महौल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

यह भी पढ़ें: तुलसी के पौधे की जड़ कैसे बदल सकती है आपकी किस्मत !

वैसे इन मंत्रों का उच्चारण कभी भी किया जा सकता है. यह हमारे लिए फायदेमंद ही होता है. लेकिन अगर आप इसका उच्चारण नवरात्रि में करते हैं, तो ऐसे में आपको इसका विशेष लाभ होता है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के समय में माता का वास धरती पर होता है. उस समय माता की अराधना करने से जल्द लाभ मिलने का विश्वास जताया जाता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.