मौदहा: कंस वध मेले में दो पक्षों के बीच हुई हिंसा, तो जानिए क्या है पूरा मामला

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मौदहा (हमीरपुर): मौदहा कस्बे में सालों से चली आ रहीं है, ऐतिहासिक कंस वध मेला में इस बार दो पक्षों के बीच झड़प का वातावरण देखने को मिला है. सोमावर दोपहर के समय देवी देवताओं की झांकियां जैस ही देवी चौराहा पहुंची तो वह मौजूद दूसरे पक्ष ने रास्ता रोक लिया. जिसके तहत आस-पास तनाव की स्थिति पैदा हो गई.

यह है पूरा मामला

आपको बात दें कि आढ़तिया संघ विगत डेढ़ सौ सालों से कंस वध मेले का आयोजन करता आ रहा है. यह मेला तीन दिन तक मनाया जाता है. अनंत चतुर्दशी पर रविवार शाम को भगवान कृष्ण का डोला अपने निर्धारित स्थान गुड़ाही बाजार में सजाया गया था. यहां से यह अपने परंपरागत रास्ते देवी चौराहा से नरहिया, कजियाना मथुरा मन्दिर, जीजीआइसी चौराहा, थाना चौराहा, नेशनल चौराहा होते हुए निकला. सोमवार को कंस वध मेले का आयोजन था. जिसको लेकर दो दर्जन से अधिक झांकियों को सजाया भी गया था. लेकिन शाम करीब तीन बजे देवी चौराहा पर अलाव मैदान के पास एक समुदाय के कुछ युवाओं ने इस मार्ग से झांकियां निकालने का विरोध किया. इसके बाद मामला इतना तनावपूर्ण हो गया कि दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए. दोनों पक्षों के बीच हुई इस हिंसा से माहौला काफी गर्मा गया. जैसे ही मामला ओर उग्र होने लगा तो मौके पर भारी पुलिस बल के साथ अपर एसपी, एसडीएम, सदर, सरीला सीओ पहुंचे. लेकिन तब भी मसला नहीं सुलझा पाया.

सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल भाजपा जिलाध्यक्ष संतविलास शिवहरे सहित कई नेता मौके पर पहुंचे

वहीं आक्रोशित मेला आयोजकों ने झांकियों को रोककर जाम लगा दिया. इसके बाद उन्होंने मेला न करने की घोषणा कर दी. आयोजकों ने झांकियां को वाहनों से उतार दिया और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करना शुरू कर दिया. इस दौरान डीएम व एसपी एके और सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल भाजपा जिलाध्यक्ष संतविलास शिवहरे सहित कई नेता मौके पर पहुंचे. अब इस मामले को सुलझाने के काफी प्रयास किए जा रहें है. दोनों ही समुदाय के साथ डीआइजी, डीएम और एसपी ने बैठकर समाधान निकलने का प्रयास किया..

इस जुलुस के दौरान कुछ लोगों ने महिलाओं का सहारा लेकर पुलिस पर पथराव भी किया

मंगलवार सुबह करीब 10 बजे से ही दोनों पक्षों की बीच काफी बार वार्ता हुई, लेकिन तमाम प्रयास विफल रहें. वहीं इस जुलुस के दौरान कुछ लोगों ने महिलाओं का सहारा लेकर पुलिस पर पथराव भी किया जिसके कारण पुलिस ने लाठीचार्ज की. लेकिन बाद में डीएम आरपी पांडेय ने लाठीचार्ज करने से पुलिस को मना कर दिया.

तहसील परिसर में रात डेढ़ बजे तक डीआईजी मनोज कुमार तिवारी ने भी लोगों से बातचीत की

मंगलवार शाम को दोनों पक्षों के कई दर्जन लोग अलग-अलग स्थानों पर एकत्र हुए प्रशासन ने बैरीकेडिंग कराकर पुलिस फोर्स तैनात कर दी. वहीं देर रात सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल भी कस्बे में पहुंचे ओर फिर अधिकारियों की बातचीत हुई. तहसील परिसर में रात डेढ़ बजे तक डीआईजी मनोज कुमार तिवारी ने भी लोगों से बातचीत की. जब कुछ नतीजा नहीं मिला तो कई इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दी गई. इस दौरान डीआईजी ने बताया है कि मौके से करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को पकड़ा भी गया है. और अन्य उपद्रवियों की तलाश की जा रही है. बता दें कि इस विवाद के चलते कुछ समय के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कराई गई थीं ताकि अफवाहें न फैलें, लेकिन बाद में सामान्य कर दी गई.

पथराव में सांसद-अफसरों की गाडियां क्षतिग्रस्त

इस हिंसा में सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल जिलाधिकारी आरपी पांडेय व पुलिस अधीक्षक एके सिंह की गाडियां क्षतिग्रस्त हो गई है. इसके बवजूद स्काट में लगी गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई है.

अनदेखी से बिगड़ रहा है माहौल

पुलिस पर अनदेखी और लापरवाही के आरोप लगाए जा रहें है जबकि पुलिस मंगलवार को हुए उपद्रव में कंस वघ मेला आयोजकों को दोषी ठहरा रही है.

सात अन्य लोगों को नामजद करते हुए तकरीबन तीन सौ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया

कस्बे में कंस वध मेले की झांकियों के रास्ते को लेकर मंगलवार को बवाल के बाद पुलिस की कड़ी सख्ती बीते दिन भी बरकरार रहीं. अधिकतर जगहों में दुकान बंद रहीं है. शिक्षण संस्थान भी नहीं खुले हुए है. पुलिस ने मंगलवार के हंगामे में आशीष सिंह, पूर्व प्रधान करगांव नत्थू सिंह व्यापारी संतोष गुप्ता समेत सात अन्य लोगों को नामजद करते हुए तकरीबन तीन सौ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किए है. डीएम आरपी पांडेय और एसपी एके सिंह ने भी शहर का जायजा लिया. वहीं एडीजी ने दुकानदारों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए प्रतिष्ठान खोलने का आहवान भी किया है. इसके बाद से कई जगहों में दुकानें भी खोली गई है.