वैष्णो देवी गुफा के दंग कर देने वाले रहस्य

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इस विडिओ में , माता वैष्णो देवी की गुफा से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य के बारे बताया गया है जो इस गुफा को सबसे ज्यादा खास बनाते हैं. जैसा कि आप सब जानते हैं कि वैष्णो देवी मंदिर हिदू परंपरा में आस्था रखने वाले के लिए यह बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल है. माता का गुफा और मंदिर जम्मू कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों पर बसा हुआ है .हर साल लाखों भक्त यहां की यात्रा जरूर करते हैं और शायद आप में से कुछ लोगों ने यहाँ की यात्रा की यात्रा की होगी. जितना महत्व माता वैष्णो देवी मंदिर का है उतना ही महत्व देवी की गुफा का भी| माता की मंदिर तक पहुंचने के लिए एक प्रसिद्ध और प्राचीन गुफा का प्रयोग किया जाता है | जो बहुत ही चमत्कारी है, मान्यतों के दृष्टि अनुसार प्राचीन गुफा अनेकों चमत्कारों से भरी हुई है.

आइए जानते हैं क्या है यह रहस्य, ऐसा माना जाता है कि गुफा में भैरव का शरीर है. कहा जाता है की माता ने अपने त्रिशूल से भैरव का सर काट दिया था . भैरव का सर उड़ कर भैरव घाटी में चला गया और शरीर वही गुफा में रह गया था |

क्या आप जानते हैं की क्यों प्राचीन रास्ता बंद दिया माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए. वर्तमान में जो रास्ता इस्तेमाल किया जाता है वह रास्ता प्राकृतिक नहीं है. चट्टानों, भूमि स्खलन और लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए रास्ते का निर्माण 1978 में किया गया था. कहा जाता है की किस्मत वाले आज भी प्राचीन गुफा से होते हुए माता के भवन में प्रवेश करने को सौभाग्य मिलता है. यहां पर नियम है कि जब कभी भी 10,000 से कम श्रद्धालु होते हैं, प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिया जाता है. माता वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते में ही गर्भजून गुफा है जिसे कहा जाता है कि माता उसी प्रकार गर्भ में 9 महीने तक रही थी जैसा कि हम जानते हैं कि गर्भ एक शिशु पलता है.

गर्भजून गुफा को लेकर यह माना जाता है कि इस गुफा में जाने से मनुष्य अपने सारे पापों से मुक्त हो जाता है और फिर वो जीवन मरण के चक्र से आजाद हो कर मुक्ति प्राप्त कर लेता है | यानि की मनुष्य को फिर से पृत्वी पर जन्म लेना नहीं पड़ता अगर वो जन्म लेता भी है है तो उसका जीवन सुख और समृधी से भरा रहता है और कभी भी कष्ट नहीं उठाना पड़ता है. इस प्राचीन गुफा से पवित्र गंगा जल प्रवाहित होती है जिसमे प्रवेश कर के माता के दरबार में पहुंचने का विशेष महत्व है.