US VISA: अमेरिका में जॉब वीजा के नियमों में होने जा रहा है बड़ा बदलाव, आप पर क्या असर पड़ेगा

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US VISA: अमेरिका में जॉब वीजा के नियमों में होने जा रहा है बड़ा बदलाव, आप पर क्या असर पड़ेगा

हाइलाइट्स:

  • h1b वीजा पाने के लिए employer-employee के रिलेशनशिप संबंधी निर्देशों में बदलाव किया जाना है।
  • अब तक स्पष्ट नहीं है कि employer-employee रिलेशनशिप में किन बातों को बदला जा सकता है।
  • दुनिया के सबसे ताकतवर देश में विदेशी कामगारों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा।

नई दिल्ली
अमेरिका जाने और वहां नौकरी करने (USA Jobs) का सपना पूरा करने के लिए दुनिया भर के लोग काफी कोशिश करते हैं। अमेरिका में काम करने के लिए h1b वीजा पाना लोगों के लिए लॉटरी लगने से कम नहीं है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने h1b वीजा प्रोग्राम के लिए नई पहल शुरू करने की तैयारी की है। अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने हाल में ही एक एजेंडा रिलीज किया है। इस एजेंडे के हिसाब से h1b वीजा पाने के लिए employer-employee के रिलेशनशिप संबंधी निर्देशों में बदलाव किया जाना है।

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जॉब के नाम पर फ्रॉड नहीं
अमेरिकी वीजा पाने के निर्देशों में बदलाव का एक उद्देश्य यह भी है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश की जरूरतों के हिसाब से नए वीजा नियम (Visa process) बनाए जाएं। इसके साथ ही इसका एक उद्देश्य भी है कि जहां कहीं भी एंपलॉयर अपने वर्कर को h1b वीजा दिलाने की पहल करे, अगर उसमें कोई फ्रॉड हो तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। इमीग्रेशन एक्सपर्ट के मुताबिक यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि employer-employee रिलेशनशिप में किन बातों को बदला जा सकता है।

कारोबार पर असर नहीं पड़ेगा
एक्सपर्ट का हालांकि कहना है कि इस बारे में जारी किए गए ड्राफ्ट प्रपोजल के दिसंबर तक सामने आने की उम्मीद है और उसके बाद ही चीजें साफ हो पाएंगी। इस बारे में नया कानून (Visa process) बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाना है जिनमें सभी हित धारकों के सुझाव और सलाह पर अमल किया जाएगा। उसके बाद ही इस नियम को अंतिम रूप दिया जा सकता है। वास्तव में अगर कोई कंपनी कारोबारी जरूरतों के हिसाब से अपने एंप्लोई को h1b विजा दिलवाना चाहती है तो उस पर इस बदलाव का खास असर पड़ने की आशंका नहीं है।

विदेशी कामगारों का शोषण नहीं
अमेरिका में h1b वीजा पाने वाले लोगों के लिए नियमों (Visa process) में होने वाले इस बदलाव से वेतन को रिवाइज (salary revision) करने में भी मदद मिलेगी। ग्रीन कार्ड होल्डर और h1b विजा पाने वाले एंप्लोई के बीच वेतन का अंतर कम करने की पहल की जा सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति पहले कह चुके हैं कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश में विदेशी कामगारों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि नियोक्ता मार्केट रेट से कम पर किसी एंप्लॉय की नियुक्ति ना कर सकें।

न्यूनतम वेतन में भी बदलाव
अमेरिकी प्रशासन ने इस बारे में बेस्ट प्रैक्टिस चुनने के लिए लोगों की प्रतिक्रिया आमंत्रित की है। इसके साथ ही h1b वीजा रखने वाले कामगार और ग्रीन कार्ड होल्डर के न्यूनतम वेतन (Minimum Wage) को तय करने के लिए भी नई प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस साल नवंबर में वेतन तय करने की प्रक्रिया से संबंधित प्रपोजल जारी किए जा सकते हैं। अमेरिका में कामगारों का नया वेतन (Minimum Wage) तय करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कई तरह की शुरुआत की जानी है।

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