Upendra Kushwaha के सपोर्ट में आए MLC रामेश्वर महतो, तेजस्वी के लीडरशिप से खुद को किया अलग
Rameshwar Mahato support Upendra Kushwaha: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भीतर मचे घमासान के बीच अब नेतृत्व से असंतुष्ट नेता धीरे धीरे कर बाहर आने लगे हैं। जेडीयू नेतृत्व से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा के समर्थन में बुधवार को पार्टी के विधान परिषद के सदस्य रामेश्वर महतो ने अपने ही मंत्री पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगा दिया।
जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने की उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात
जेडीयू के भीतर लगी आग को तब और हवा मिल गई जब जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। उपेंद्र कुशवाहा से मिलने के बाद रामेश्वर महतो ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने नहीं, बल्कि कांग्रेस से जेडीयू में आकर मंत्री बने अशोक चौधरी ने पार्टी को कमजोर करने का काम किया है। रामेश्वर महतो ने कहा कि वह उपेंद्र कुशवाहा से आग्रह करने आए हैं कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करें और सारी स्थिति को सामने रखें।
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रामेश्वर महतो ने यह भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने लगातार पार्टी को मजबूत करने की दिशा में ही काम किया है, पर आज भी वही काम कर रहे हैं। लेकिन पार्टी के भीतर कुछ ऐसे लोगों की एंट्री हो चुकी है जो मुख्यमंत्री के सामने तो पार्टी के लिए जी जान लगाने की बात कहते हैं, लेकिन भीतर ही भीतर पार्टी को खोखला करने का काम कर रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा पर टिप्पणी करने का हक उमेश कुशवाहा को नहीं
रामेश्वर महतो ने यह भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना ठीक नहीं है। इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद ही संज्ञान लेना चाहिए। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा उपेंद्र कुशवाहा पर लगातार किए जा रहे टिप्पणी पर रामेश्वर महतो ने कहा कि उन्हें जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि वह खुद ही विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। रामेश्वर महतो ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति खुद चुनाव हार कर बैठा हो वह उपेंद्र कुशवाहा जैसे व्यक्ति पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं रखता। राजनीतिक गलियारे में रामेश्वर महादेव के इस बयान को जदयू के भीतर लगी आग और तेज होने के संदर्भ में देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जनता दल यूनाइटेड का राष्ट्रीय जनता दल में विलय करने की बात और 2025 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात पार्टी के कई कार्यकर्ताओं नेताओं को पसंद नहीं आ रहा। लिहाजा आने वाले समय में जनता दल यूनाइटेड पर संकट के और गहरे बादल मंडरा सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार नहीं
पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि 2025 में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी लव-कुश समाज के व्यक्ति या पिछड़ा अति पिछड़ा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की रेस में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव का नेतृत्व किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। उपेंद्र कुशवाहा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो जनता दल यूनाइटेड का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा और पार्टी को टूटने से कोई नहीं बचा सकता। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि 1995 से 2005 में लालू प्रसाद यादव के खौफनाक दौर और सत्ता से हटाने के लिए अगड़ी जाति और अति पिछड़ा समाज ने काफी संघर्ष किया और बलिदान दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह आज भी पार्टी को मजबूत करने का ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है वह आज भी जनता दल यूनाइटेड के 5 रुपये की सदस्यता शुल्क वाले कार्यकर्ता के रूप में काम करने को तैयार है। अगर मुख्यमंत्री रात में 12 भी उन्हें बुलाते हैं तो वह मुख्यमंत्री के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच सकते हैं। नीतीश कुमार के विषय में उन्होंने कहा कि वह तो प्रधानमंत्री बनने की रेस में है इसलिए उनके मुख्यमंत्री बनने की बात क्यों कही जाती है।
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