UP Election 2022 : नीतीश की पार्टी को अब भी यूपी चुनाव में मोदी से टिकट बंटवारे की आस, JDU-BJP की अजब दोस्ती जो न तोड़ी जाए न छोड़ी जाए

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UP Election 2022 : नीतीश की पार्टी को अब भी यूपी चुनाव में मोदी से टिकट बंटवारे की आस, JDU-BJP की अजब दोस्ती जो न तोड़ी जाए न छोड़ी जाए

पटना:
बिहार (Bihar News) में गठबंधन कर सरकार चलाने वाली पार्टी बीजेपी (BJP Candidate List UP Election 2022) ने उत्‍तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में JDU को अब तक अपने साथ नहीं लिया है। यहां बीजेपी ने बगैर JDU के साथ उतरे चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी के साथ तीन दिन पहले ने भी JDU उत्‍तर प्रदेश में बिहार की सहियोगी पार्टी जेडीयू भी चुनावी मैदान में है। इसे लेकर पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्‍यागी एक अहम बैठक करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद यूपी विधान सभा के चुनाव के लिए कैंडिडेट की लिस्‍ट जारी की जा सकती है। यानि ऐसा भी हो सकता है कि आखिर में नीतीश कुमार और योगी आदित्यनाथ (Nitish kumar and yogi Adityanath campaign) यूपी में एक दूसरे के खिलाफ प्रचार करते नजर आएं।

यहीं फंस गई JDU और बीजेपी में बात
जेडीयू की तरफ से बीजेपी को यूपी विधान सभा चुनाव के दौरान गठबंधन का ऑफर दिया गया था। जेडीयू ये मान कर चल रही थी कि देर सवेर बिहार में उनसे साथ गठबंधन में शामिल बीजेपी उत्‍तर प्रदेश में भी साथ चुनाव लड़ने को राजी हो जाएगी। मगर बीजेपी की तरफ से जेडीयू को कोई भाव नहीं दिया गया। जिसके बाद जेडीयू ने अब अकेले उत्‍तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
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इसके लिए लखनऊ में पार्टी नेताओं की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की अंदरूनी रणनीति को लेकर न केवल चर्चा होगी, बल्कि जेडीयू उन सीटों का ऐलान भी सकती है जिस पर वो चुनाव लड़ना चाहती है। यह बैठक जेडीयू के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल की ओर से बुलाई गई है। इस बैठक में यूपी के प्रभारी और पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी भी बैठक में शामिल होंगे। माना जा रहा है बैठक के बाद उन नामों पर भी मुहर लग जाएगी जिन्‍हें टिकट देना है। इसके बाद फाइनल लिस्ट को केंद्रीय चुनाव समिति को भेजी जाएगी और उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति इस लिस्ट पर अंतिम मुहर लगा कर नामों की घोषणा करेगी। बैठक में उन लोगों को भी निमंत्रण भेजा गया है जिन्होंने जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

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जेडीयू ने साथ चुनाव लड़ने की जताई थी इच्‍छा
जेडीयू ने बिहार के तर्ज पर बीजेपी के साथ यूपी का भी विधान सभा चुनाव लड़ने की इच्‍छा जताई थी। यूपी में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। लेकिन बीजेपी की तरफ से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। यहां तक कि कुछ दिनों पहले जेडीयू ने बीजपी को दो तीन दिनों में सीट फाइनल करने की बात भी सार्वजनिक तौर पर कही लेकिन बीजेपी ने इसपर भी कोई प्रतिक्रिया नही दी और पहले चरण के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी। लेकिन बीजेपी की तरफ से कोई पहल न किए जाने पर अब जेडीयू ने यूपी में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इसपर आज अहम बैठक लखनऊ में होने जा रही है।
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आरसीपी सिंह को सीट शेयरिंग की मिली जिम्मेवार मगर हो गए फेल
जेडीयू ने बीजेपी से सीट शेयरिंग फाइनल करने की जिम्मेदारी अपने सबसे विश्‍वासी नेता और केन्द्रीय इस्‍पात मंत्री आरसीपी सिंह को दी थी। लेकिन आरसीपी सिंह जेडीयू और बीजेपी के सीट शेयरिंग की सहमति नहीं बना सके। गठबंधन नहीं होने पर पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कमान संभाल ली है। उन्‍होंने मंगलवार कहा कि हमने बीजेपी से कम से कम 20 सीटों की हिस्सेदारी मांगी थी। ताकि उत्‍तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर गठबंधन बन सके लेकिन बीजेपी इतनी सीटें देने के लिए भी तैयार नहीं हुई। जिसके बाद हमारी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। ऐसे में उन्‍हें काफी निराशा हुई है। पार्टी के प्रधान महासचिव ने कहा कि बीजेपी की तरफ से कोई पहल न किए जाने की सूरत में हमने उत्‍तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

अभी भी गठबंधन की आस में हैं आरसीपी
लगातार बीजेपी के साथ गठबंधन की कोशिश में फेल हो चुके आरसीपी सिंह को अभी भी गठबंधन की उम्‍मीद है। उन्‍होंने दिल्ली में जेडीयू की हाईलेवल मीटिंग के बाद बीजेपी से बातचीत जारी है। वहीं, राष्ट्रीय अध्‍यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह ने बताया है कि अब भी भाजपा के नेतृत्व से बातचीत का सिलसिला जारी है। अगर गठबंधन नहीं हुआ तो उनकी पार्टी उत्‍तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए अपने 51 कैंडिडेट की सूची जारी कर देगी।

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