रविवार को हुए ट्रक के साथ हुए जोरदार हादसे में घायल हुई उन्नाव रेप पीड़िता ने तीन हफ्ते पहले अपने परिवार पर खतरा बताते हुए मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी थी। अब यह चिट्ठी सार्वजनिक हो गई है।
पीड़िता द्वारा इस महीने की 12 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखी गई चिट्ठी के मुताबिक, उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो धमकी दे रहे हैं। पीड़िता आगे लिखती हैं ‘’लोग हमारे घर आए और धमकी दी कि अगर केस वापस नहीं लिया गया तो पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में जेल में बंद करा देंगे।’’ इस लेटर पर सुप्रीम कोर्ट या चीफ जस्टिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
बता दें कि उन्नाव में रेप पीड़िता के साथ हुए भीषण हादसे की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई करेगी। दरअसल, पीड़िता के परिजन और सियासी नेताओं के दवाब के सरकार इस दुर्घटना की सीबीआई जांच कराने का फैसला लिया है।
दरअसल, दुष्कर्म पीड़िता रविवार को अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ रायबरेली की जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही थी। इसी दौरान उनकी कार को सामने से आ रहे एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। वहीं इस दुर्घटना के लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में भर्ती पीड़िता और वकील महेन्द्र सिंह की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
वहीं, पीड़िता के चाचा की शिकायत पर पुलिस ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला व साजिश का मुकदमा दर्ज किया इस दुर्घटना को पीड़िता की मां ने साजिश बताते हुए कहा, यह हादसा नहीं था बल्कि सबका सफाया करने की बड़ी साजिश थी।
वहीं, इस पूरे मामले पर विपक्ष का रूख हमलावर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा, ‘’अगर भाजपा विधायक बलात्कार का आरोपी हो तो सवाल मत पूछिए।‘’ बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पहली नजर में यह रेप पीड़िता को जान से मारने का षडयंत्र लगता है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीबीआई की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज है।