Udyog Nagar Fire: भभकती गर्मी और मलबे के बीच लापता लोगों की तलाश अधूरी, एक अधजला शव मिला
हाइलाइट्स:
- गोदाम में मंगलवार दोपहर तक भी पूरी तरह नहीं बुझ सकी थी आग
- गर्मी, धुएं और बदबू से फायर ब्रिगेड और फरेंसिक टीमों का काम मुश्किल
- मलबा हटाने में लगेगा वक्त, तभी अन्य लापता लोगों का मिलेगा सुराग
विशेष संवाददाता, पीरागढ़ी
पीरागढ़ी के जिस गोदाम में सोमवार को भीषण आग लगी थी, उसमें कुछ लोगों के अंदर ही फंसे रह जाने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन सोमवार को उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया था। आग देर शाम तक पूरी तरह नहीं बुझ पाई थी। इस वजह से इमारत के अंदर जाकर जांच कर पाना संभव नहीं हो रहा था।
अंदर ही अंदर आग सुलगते रहने से इमारत का ढांचा भी कमजोर हो गया था और एमसीडी से इसे खतरनाक इमारत घोषित कर दिया था। सोमवार को जब स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, तो दमकल विभाग की टीमें इमारत के अंदर दाखिल हुईं और वहां पड़े मलबे के बीच लापता हुए लोगों का सुराग तलाशने लगीं, मगर उसी दौरान एक और हादसा हो गया। दमकल विभाग के एक सीनियर अधिकारी पहली मंजिल से नीचे गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। उन्हें गंभीर चोटें लगी हैं।
बाद में इमारत की दूसरी मंजिल पर एक शव का कमर से नीचे का अधजला हिस्सा बरामद हुआ, जिसके बारे में पुलिस को सूचना दी गई। उसकी जांच करके पुष्टि करने के लिए फरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया, लेकिन इमारत के अंदर भभक रही गर्मी और अंदर घिरे धुएं और जले हुए सामान की गंध के चलते फरेंसिक टीम के सदस्य जांच के लिए अंदर जा ही नहीं पाए। दमकल अधिकारियों ने बताया कि बेसमेंट में मंगलवार की दोपहर तक भी आग धधक रही थी और धुआं निकल रहा था। ऐसे में कूलिंग ऑपरेशन भी लगातार जारी रखना पड़ रहा था। साथ ही, इमारत भी खतरनाक स्थिति में होने की वजह से बेहद सावधानी के साथ काम करना पड़ रहा था, जिसकी वजह से हर काम में काफी वक्त लग रहा था। इसीलिए मंगलवार को भी देर शाम तक लापता लोगों के बारे में पुलिस पुष्टि करने की स्थिति में नहीं थी।
पुलिस अधिकारियों का कहना था कि फरेंसिक टीम की जांच के बाद ही कुछ पता चल सकेगा। इमारत में 4 से 6 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अभी तक केवल एक ही व्यक्ति के शव का कुछ हिस्सा मिल पाया है। बाकी लोगों के बारे में अभी तक कोई ठोस सुराग पुलिस या दमकल टीमों के हाथ नहीं लगा है। इमारत में भारी तादाद में जला हुआ मलबा पड़ा है, ऐसे में पुलिस को किसी के बच पाने की संभावना नहीं लग रही, लेकिन मलबा हटाने में अभी काफी वक्त लग सकता है, इसीलिए अन्य लापता लोगों के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
गिरकर बुरी तरह जख्मी हुए अधिकारी
दमकल विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को गोदाम के अंदर जाकर जांच कर रही दमकल विभाग की टीमों के साथ सेंट्रल डिविजन के असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर राजेश कुमार शुक्ला भी बिल्डिंग के अंदर गए थे। वह जब इमारत की पहली मंजिल पर मलबे में लापता लोगों का सुराग तलाशने में जुटे हुए थे, उसी दौरान एक जगह पैर रखते ही फ्लोर का वह हिस्सा टूटकर नीचे जा गिरा। उसी के साथ राजेश कुमार भी पहली मंजिल से सीधे ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरे। वहां पहले से काफी सारा मलबा पड़ा हुआ था। वह पीठ के बीच सीधे उस पर गिरे, जिसके कारण उन्हें गंभीर चोटें लगीं। आनन-फानन में एंबुलेंस से उन्हें एक्शन बालाजी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां जांच में पता चला कि उनकी पसली की कई हड्डियां टूट गई हैं। इस वजह से उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। उनकी हालत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया।
दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
हाइलाइट्स:
- गोदाम में मंगलवार दोपहर तक भी पूरी तरह नहीं बुझ सकी थी आग
- गर्मी, धुएं और बदबू से फायर ब्रिगेड और फरेंसिक टीमों का काम मुश्किल
- मलबा हटाने में लगेगा वक्त, तभी अन्य लापता लोगों का मिलेगा सुराग
पीरागढ़ी के जिस गोदाम में सोमवार को भीषण आग लगी थी, उसमें कुछ लोगों के अंदर ही फंसे रह जाने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन सोमवार को उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया था। आग देर शाम तक पूरी तरह नहीं बुझ पाई थी। इस वजह से इमारत के अंदर जाकर जांच कर पाना संभव नहीं हो रहा था।
अंदर ही अंदर आग सुलगते रहने से इमारत का ढांचा भी कमजोर हो गया था और एमसीडी से इसे खतरनाक इमारत घोषित कर दिया था। सोमवार को जब स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, तो दमकल विभाग की टीमें इमारत के अंदर दाखिल हुईं और वहां पड़े मलबे के बीच लापता हुए लोगों का सुराग तलाशने लगीं, मगर उसी दौरान एक और हादसा हो गया। दमकल विभाग के एक सीनियर अधिकारी पहली मंजिल से नीचे गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। उन्हें गंभीर चोटें लगी हैं।
बाद में इमारत की दूसरी मंजिल पर एक शव का कमर से नीचे का अधजला हिस्सा बरामद हुआ, जिसके बारे में पुलिस को सूचना दी गई। उसकी जांच करके पुष्टि करने के लिए फरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया, लेकिन इमारत के अंदर भभक रही गर्मी और अंदर घिरे धुएं और जले हुए सामान की गंध के चलते फरेंसिक टीम के सदस्य जांच के लिए अंदर जा ही नहीं पाए। दमकल अधिकारियों ने बताया कि बेसमेंट में मंगलवार की दोपहर तक भी आग धधक रही थी और धुआं निकल रहा था। ऐसे में कूलिंग ऑपरेशन भी लगातार जारी रखना पड़ रहा था। साथ ही, इमारत भी खतरनाक स्थिति में होने की वजह से बेहद सावधानी के साथ काम करना पड़ रहा था, जिसकी वजह से हर काम में काफी वक्त लग रहा था। इसीलिए मंगलवार को भी देर शाम तक लापता लोगों के बारे में पुलिस पुष्टि करने की स्थिति में नहीं थी।
पुलिस अधिकारियों का कहना था कि फरेंसिक टीम की जांच के बाद ही कुछ पता चल सकेगा। इमारत में 4 से 6 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अभी तक केवल एक ही व्यक्ति के शव का कुछ हिस्सा मिल पाया है। बाकी लोगों के बारे में अभी तक कोई ठोस सुराग पुलिस या दमकल टीमों के हाथ नहीं लगा है। इमारत में भारी तादाद में जला हुआ मलबा पड़ा है, ऐसे में पुलिस को किसी के बच पाने की संभावना नहीं लग रही, लेकिन मलबा हटाने में अभी काफी वक्त लग सकता है, इसीलिए अन्य लापता लोगों के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
गिरकर बुरी तरह जख्मी हुए अधिकारी
दमकल विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को गोदाम के अंदर जाकर जांच कर रही दमकल विभाग की टीमों के साथ सेंट्रल डिविजन के असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर राजेश कुमार शुक्ला भी बिल्डिंग के अंदर गए थे। वह जब इमारत की पहली मंजिल पर मलबे में लापता लोगों का सुराग तलाशने में जुटे हुए थे, उसी दौरान एक जगह पैर रखते ही फ्लोर का वह हिस्सा टूटकर नीचे जा गिरा। उसी के साथ राजेश कुमार भी पहली मंजिल से सीधे ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरे। वहां पहले से काफी सारा मलबा पड़ा हुआ था। वह पीठ के बीच सीधे उस पर गिरे, जिसके कारण उन्हें गंभीर चोटें लगीं। आनन-फानन में एंबुलेंस से उन्हें एक्शन बालाजी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां जांच में पता चला कि उनकी पसली की कई हड्डियां टूट गई हैं। इस वजह से उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। उनकी हालत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया।