Uddhav Thackeray: ‘अलीबाग में ठाकरे फैमिली के 19 बंगले’…क्या आरोप, क्यों विवाद, जानिए पूरी कहानी

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Uddhav Thackeray: ‘अलीबाग में ठाकरे फैमिली के 19 बंगले’…क्या आरोप, क्यों विवाद, जानिए पूरी कहानी

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। शिवसेना(Shivsena) और बीजेपी(BJP) के नेता जमकर एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछलने में लगे हुए हैं। फिर चाहे वह किरीट सोमैया(Kirit Somaiya) हों, संजय राउत(Sanjay Raut) हों, नारायण राणे(Narayan Rane) हों या फिर कोई और, हर कोई अपने अपने आरोपों को सही साबित करने के लिए अलग-अलग तर्क और सबूत देने में जुटा हुआ है। फिलहाल हम बात कर रहे हैं किरीट सोमैया के उन आरोपों के बारे में जिन्हें ठाकरे परिवार पर लगाया गया है। दरअसल किरीट सोमैया ने कुछ महीनों पहले ठाकरे परिवार पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने अलीबाग में 19 बंगले खरीदे हैं। ये सभी अलीबाग के कोरलाई गांव में मौजूद हैं।

19 बंगले पर विवाद क्यों
आप सोच रहे होंगे कि जब कोई भी इंसान कहीं भी जमीन खरीद सकता है। तो फिर इस जमीन पर इतना विवाद क्यों हो रहा है? दरअसल यह जमीन सीआरजेड( कोस्टल रेगुलेशन जोन) के तहत आती है। इसके तहत आने वाली जमीनों पर किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होती है। सोमैया भी इसी वजह से ठाकरे परिवार पर आरोप लगा रहे थे। उन्होंने इस बाबत संबंधित विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि ये बंगले बेनामी हैं।

अलीबाग में ठाकरे परिवार का बंगला नहीं
हालांकि किरीट सोमैया के दावों पर कोरलाई गांव के सरपंच प्रशांत मिसाल ने जवाब देते हुए कहा है कि यहां उद्धव ठाकरे या उनके परिवार से जुड़े किसी व्यक्ति का कोई बंगला नहीं है। सरपंच के मुताबिक किरीट सोमैया जिस जमीन पर 19 बंगले होने का दावा कर रहे हैं, वहां वास्तव में 18 घर थे। यह जमीन अन्वय नाइक में खरीदी थी। वह उस जमीन पर रिसोर्ट बनाना चाहते थे। 2009 में उन्होंने रिसोर्ट बनाने के लिए विधिवत मंजूरी मांगी थी। इसके लिए उन्होंने वहां कुछ कच्चे घर बनाए थे। जब उन्हें वहां रिसॉर्ट बनाने की मंजूरी नहीं मिली, तो उनका प्लान फेल हो गया और उन्होंने वह कच्चे घर गिरा दिए।

सरपंच के मुताबिक उसके बाद 2014 में यह जमीन रश्मि ठाकरे और मनीषा वायकर को बेची गई। 2015 से 2019 तक कोई इस जमीन के बारे में पूछताछ करने नहीं आया। ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में उस जमीन पर घर दर्ज थे, इसलिए 2019 में घरपट्टी भरने का नोटिस दिया गया था। इसीलिए 2019 में आरटीजीएस के जरिए घरपट्टी भरी गई थी। लेकिन जब जगह पर जाकर मुआयना किया गया तो वहां ऐसा कोई घर नहीं मिला इसलिए घरपट्टी रद्द कर दी गई।आज उस जमीन पर एक भी बंगला नहीं है। सरपंच प्रशांत मिसाल ने यह भी कहा कि रश्मि ठाकरे ने कभी भी ग्राम पंचायत से कोई माफी नहीं मांगी है।

ठाकरे परिवार के प्रति दुर्भावना
संजय राउत पर निशाना साधते हुए किरीट सोमैया ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर अलीबाग के 19 बंगलों का मुद्दा उठाया है क्योंकि उनके मन में ठाकरे परिवार के प्रति दुर्भावना है। दरअसल जब राउत पर बीते दिनों कुछ आरोप लगे थे तब ठाकरे परिवार ने उनका साथ नहीं दिया था। सोमैया ने कहा कि मैंने यह मुद्दा साल 2021 के जनवरी महीने में उठाया था। तब इस मुद्दे पर कोई चर्चा भी नहीं हुई थी लेकिन अब कोविड सेंटर के घोटाले का जिक्र ना हो, इसलिए राउत ने इस मामले को उठाया है। शायद संजय राउत यह चाहते हैं कि रश्मि ठाकरे की माफी वाला पत्र सार्वजनिक हो जाए

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