अब तीन तलाक देने पर होगी यह सजा, ये हैं प्रावधान

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मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में तीन तलाक बिल को संसद के दोनों सदनों से पास कराने में कामयाब रही। अब एक बार में तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत अपराध होगा और आरोपी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए संशोधिक बिल के मुताबिक, अगर कोई भी पति अपनी पत्नी को किसी भी माध्यम से तीन तलाक कहता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा, जिसमें आरोपी को 3 साल की सजा हो सकती है।

1- तीन तलाक देने पर पति के खिलाफ पीड़ित महिला या उसके करीबी रिश्तेदार इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे।

2- महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल में तीन तलाक को अपराध माना गया है और इससे संबंधित मामला सामने आने पर पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले पति को गिरफ्तार कर सकती है।

3- एक बार में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की कैद जुर्माना या दोनों हो सकती है। तलाक देने वाला पति मजिस्ट्रेट कोर्ट में ही जमानत याचिका दायर कर सकता है।

4- वहीं, मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष जाने बगैर तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे।

5- मजिस्ट्रेट यह तय करेंगे कि तीन तलाक देने पर पति अपनी पत्नी और बच्चों को कितना भरण-पोषण भत्ता देगा।

6- नए कानून में समझौते का भी विकल्प रखा गया है। हालांकि पत्नी की पहल पर ही समझौता हो सकता है, लेकिन मजिस्ट्रेट के द्वारा उचित शर्तों के साथ।

मंगलवार को संसद के उच्च सदन से पास हुए इस बिल के समर्थन में 99 वोट पड़े। वहीं इसके विरोध में कुल 84 वोट पड़े। इस तरह राज्यसभा से पास होकर यह बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद प्रभावी हो जाएगा।

तीन तलाक से निजात वाले इस विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, एक मध्यकालीन कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।

PM Modi 3 -

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