टाइगर ज़िंदा है रिव्यु: टाइगर के साथ जोया भी पूरे फॉर्म में है

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“शिकार तो सब करते हैं. लेकिन टाइगर से बेहतर शिकार कोई नहीं करता.” टाइगर ज़िंदा है का ये डायलाग सिर्फ एक लाइन भर नही है, बल्कि ये बात सलमान के किरदार पर पूरी तरह फिट बैठती है. तिगर ज़िंदा है कि कहानी वहीँ से शुरू होती है जहां ‘एक था टाइगर’ की कहानी ख़त्म हुई थी. जोया और टाइगर शादी करके इंडिया-पाकिस्तान से बहुत दूर ऑस्ट्रिया में रह रहे हैं. अब उनका एकल बेटा भी है और वो अपनी ज़िंदगी में बेहद खुश हैं.

लेकिन वो टाइगर ही कहाँ जिसकी ज़िन्दगी में खतरे न हो. हालांकि वो रिटायरमेंट ले चुका है मगर इस बार देश पर ऐसी मुसीबटी आई है कि वो पीछे नही हट सकता. रॉ उसे ढूंढ रही है क्यूँकी ये काम सिर्फ तिगर के बस का है. दरअसल इराक में कुछ भारतीय नर्सों को क़ैद कर लिया जाता है. शुरुवात में टाइगर इस मिशन के लिए न नुकुर करता है मगर देश की खातिर अपने उसूलों को तोड़टा है और मैदान में आकर दुश्मन का सामना करता है. फिर ज़ाहिर बात है कि जहां टाइगर वहाँ ज़ोया. वो इस मिशन में टाइगर का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देती है.

TIGER2 -

अली अब्बास के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सब कुछ है. मसाला, एक्शन, प्रेम कहानी और दो चहीते किरदार. इस फिल्म के एक्शन की खासतौर पर बात की जानी चाहिए. ये आपको हॉलीवुड फिल्मों की याद दिला देगा. फिल्म की शूटिंग UAE के रेगिस्तान और ऑस्ट्रिया की बर्फ में की गयी है. संगीत बहुत दमदार नहीं है मगर कुछ समय तक आपकी प्लेलिस्ट में रहेगा.

एक ख़ास बात जिसने ध्यान खींचा वो ये कि इस बार ज़ोया के किरदार पर काफी काम किया गया है. वो पहले से ज़्यादा मज़बूत और सशक्त है. फिल्म ममें कई ऐसे सीन हैं जब वो टाइगर पर भारी पड़ती है.

जहां तक सलमान के किरदार की बात की जाए, तो भावनात्मक सीन्स में वो कई बार पकड़ खो देते हैं मगर स्क्रीन पर सलमान का होना ही काफी है. कुलमिलाकर क्रिसमस के हॉलिडे के लिए ये एक पैसा वसूल फिल्म है और लम्बे समय से चले आ रहे बॉक्स ऑफिस के सूखे को ख़त्म करने का माद्दा रखती है. तो जाइए परिवार और दोस्तों के साथ लुत्फ़ ज़रूर उठाइये.