ये है वो खबर जो आपको बचाएगी फ़ूड पॉइजनिंग से

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हम सभी के लिए भोजन और जल काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ये हमारे शरीर को एक्टिव बने रहने की ताकत देता है. यूं तो हम अपने खान-पान को लेकर काफी सचेत रहते है. पर कभी-कभी हम अपनी लापरवाही की वजह से ऐसे भोजन-जल का सेवन करते है जो हमारे शरीर के लिए बिलकुल भी फायदेमंद नहीं साबित होता है. जी हां, दूषित भोजन खाने से हमें फ़ूड पॉइजनिंग का शिकार होना पड़ जाता है.

फ़ूड पॉइजनिंग यूं तो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है पर शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों में फ़ूड पॉइजनिंग का शिकार होने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए. क्योंकि इससे उनको काफी नुकसान पहुंचता है. वैसे तो यह बीमारी कुछ दिनों में ही ठीक हो जाती है पर अगर इसके इलाज में आप लापरवाही करते है तो यह भविष्य में गम्भीर बीमारियों का संकट भी पैदा कर सकती है. इससे बचने के लिए आपको इस बीमारी के बारे में कुछ जानकारी होना जरूरी है ताकी आप शुरुआत में इस बीमारी पर काबू पा सकें.

क्या है फ़ूड पॉइजनिंग के लक्षण

फ़ूड पॉइजनिंग होने पर शरीर में काफी तरीके के लक्षण दिखाई देने लगते है जैसे-

  • पेट में तेज दर्द होने लगता है.
  • दस्त होने लगते है.
  • हर 15 से 20 मिनट में उलटी होने लगती है.
  • सर दर्द होने लगता है.
  • खाना ठीक से पचता नहीं है, कुछ देर बाद उलटी के रूप में बाहर निकल जाता है.
  • इस दौरान काफी कमजोरी महसूस होता है. शरीर काफी थका लगता है.

फ़ूड पॉइजनिंग के कारण

फ़ूड पॉइजनिंग दूषित भोजन खाने के दौरान होता है जैसे-

  • घर में खाना बनाने के दौरान अगर धोने के वक्त गंदे पानी का इस्तेमाल किया गया हो या फिर खाना बनाने में गंदे पानी का उपयोग किया गया हो तो फ़ूड पॉइजनिंग होने की पूरी आशंका है.
  • खाने के सामना को ढक के न रखने पर उस पर मक्खी या अन्य कीड़े बैठने से भी हानिकारक जीवाणु खाने में पहुच जाते है. जिससे फ़ूड पॉइजनिंग होने का खतरा रहता है.
  • अक्सर अपने रास्ते में लगे खाने के सामनों को ढाक नहीं देखा होगा. जिस पर सड़क के उड़ते हुए धुल सीधे खाने में पहुच जाते है. दूसरी तरफ गन्दी मक्खी भी खाने में पहुंच जाती है. जो खाने में हानिकारक जीवाणु को पंहुचाते है. जब हम उस खाना का सेवन करते है तो इससे हमें फ़ूड पॉइजनिंग हो सकता है.

जरुर बरतें यह सावधानियां-

  • खाना बनाने के पहले और बाद में हाथों को साफ करना न भूले. खास कर कच्चा मांस छूने के बाद.
  • कच्ची हरी साग-सब्जियों को खाना बनाने से पहले जरुर साफ करें.
  • भोजन को तब तक पकाएं जब तक उसके विषैले तत्वो बाहर न निकल जाएं.
  • भोजन करने के कुछ समय बाद बचा हुआ खाना फ्रिज में जाकर रखा दें.
  • ऐसा खाना न खाएं जो खुले में रखा गया हो और उसमें से महक आना शुरू होगी हो.
  • एक्सपायरी डेट का खाना भी न खाएं क्योंकि इससे भी बीमारी होने का काफी खतरा रहता है.
  • टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को धोना न भूलें. अगर आपके घर में पालतू जानवर है तो उसको छूने के बाद भी हाथ आवश्यक धोएं.

ध्यान देने वाली कुछ अहम बातें –

  • हमेशा ऐसे स्टोर से ही खाने की चीजों को लें जो भरोसेमंद हो. हमेशा सड़े-गले और असामान्यता वाले फलों को लेने से बचे. और अगर आप पैकेट वाला खाना लें रहें हो तो उसकी एक्सपायरी डेट जरुर चेक करें.
  • अगर साबुत अनाजों में किसी तरह का कीड़ा या भुकड़ी लगी हो तो उसे न लें.

जानिए क्या है फ़ूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय

  • जितना हो सकें पेय पदार्थ को पीजिए जैसे पानी, पानी, डिकैफनेटेड चाय या जूस इत्यादि. इससे द्वारा आप तरल पदार्थ की कमी दूर कर सकते है. इससे निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) को भी रोका जा सकता है.
  • शराब, दूध या कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का बिलकुल भी सेवन न करें.
  • नरम खाद्य पदार्थ खाना शुरू करें जैसे- चावल, केला, टोस्ट, आदि.
  • तले हुए खाद्य पदार्थ, मसालेदार भोजन डेयरी और हाई फैट खाद्य पदार्थों से बचें.
  • अपने खाने में प्रोबायोटिक्स आवश्यक लें क्योंकि यह आंतों में गुड वैक्टीरिया को फिर से लाने में सहायक होते हैं और आपकी सेहत को जल्दी सुधारने में सहायता करते हैं.
  • तुलसी, जीरा, सौंफा और धनिया को ट्राई फ़ूड पॉइजनिंग के दौरान लेना शुरू करें.
  • कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा आराम करने की.

पर एक बाद का ध्यान जरुर रखें अगर इन तरीकों और सावधानियों को आजमाने के बाद भी आप सही नहीं होते तो फौरन ही डॉक्टर की सलाह लें.