पुरी दुनिया में भारतीय लोगों का डंका हमेशा से ही बजता आया हैं। अभी हाल ही में भारतीय मूल की इंदिरा नूई जो पेप्सिको की सईओ है अब वह अमेरिकी फूड और बेवरेज कंपनी के सीईओ पद छोड़ने जा रहीं हैं। वह पिछले 12 सालों से कंपनी के सीईओ पद पर तैनात थी।
इंदिरा नुई ही अकेली ऐसी महिला नहीं है जिन्होंने भारत का नाम विदेशों में चमकाया हो। आईए हम आपको बताते है उन लोगों के बारे में जिन्होंने विदेशों में भारत का नाम रोशन किया हैं।
सुदंर पिचाई
सुंदर पिचाई आज की दुनिया का एक ऐसा नाम बन गया है जिसे हर कोई जानता हैं। 43 साल के पिचाई तमिलनाडु के चेन्नई से हैं। पिचाई गूगल सर्च इंजन, ऐड्स, ऐप्स, यूटूयूब और एंड्रायड सिस्टम जैसे बड़े प्रोजेक्टस लीड कर रहे हैं।
सत्या नडेला
विदेशों में भारत का नाम रोशन करने वालों में सत्या नडेला का नाम भी पहले पायदान पर आता हैं। वे इस वक्त माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ है। सत्या नडेला नें माइक्रोसॉफ्ट 1992 में ज्वाइन किया था। वे हैदराबाद से है, उन्होंने मनिपाल विश्वविद्यालय से बैचलर्स की डिग्री हासिल की। बाद में आगे की शिक्षा के लिए विदेश चले गए। उनकी सफ़लता कितनी बढ़ी है इस बात अंदाजा इसी से लग जाता है की उन्होंने एक बारी कहा था की माइक्रोसॉफ्ट को लीड करना उनके लिए सपने जैसा हैं
निकेश अरोड़ा
निकेश अरोड़ा भी आज टेक्नॉलाजी की दुनिया में चमकता हुआ नाम हैं, वह साइबरसिक्योरिटी कंपनी पालो ऑल्टो नेटवक्रर्स के सीईओ बने हैं। निकेश अरोड़ा उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में पैदा हुए थे। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए निकेश अरोड़ा नें कहा की शुरुआत में किसी भी कंपनी नें नौकरी देने से इंकार कर दिया था। जब वह भारत से अमेरिका गए थे तो उस वक्त उन्की जेब में सिर्फ़ 3 हज़ार डॉलर थे इन्हीं रुपयों में उन्होंने अपना गुजारा चलाया था।
संजय मेहरोत्रा
संजय मेहरोत्रा उत्तर प्रदेश के कानपुर में पैदा हुए थे। वर्तमान में वह माइक्रॉन टेक्नॉलजी के सीईओ हैं, उन्होंने इल्क्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की हैं।
जॉर्ज कुरियन
जॉर्ज कुरियन केरन के कोट्यम जिले में पैदा हुए थे। अब वह नेटएप कंपनी के सीईओ है। उन्होंने IIT मद्रास से इंजीनियरिंग की पढाई की हैं।