सवाल 54 – गौतम बुद्ध के गुरू और शिष्यों के क्या नाम थे ?

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सवाल 54 - गौतम बुद्ध के गुरू और शिष्यों के क्या नाम थे ?

गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर हुआ और उनकी माता का नाम महामाया था. वह कोलीय वंश की थी. जिनकी मृत्यू गौतम बुद्ध के जन्म के सात वर्ष बाद हो गई थी. बता दें कि गौतम बुद्ध का नाम सिद्धार्थ था. बाद में इन्हें गौतम बुद्ध के नाम से जाना गया.
ऐसा कहा जाता है कि बौद्ध धर्म का आदोंलन कभी भी प्रचारक नही रहा है लेकिन यह बात भी सच है कि भारतीय उपमहाद्वीपों में बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार काफी दूर-दूर तक हुआ और फिर वहां से ये शिक्षाएं पूरे एशिया भर में फैल गई.

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गुरु विश्वामित्र
गुरू विश्वामित्र से सिद्धार्थ ने वेद और उपनिषद्‌ के साथ ही राजकाज और युद्ध-विद्या की शिक्षा ग्रहण की थी. उस समय में तीर-कमान, कुश्ती, घुड़दौड़ और रथ को हांकने में कोई भी उसकी बराबरी नहीं कर पाता था.

गुरु अलारा कलम और उद्दाका रामापुत्त
सिद्धार्थ ज्ञान की तलाश में अलारा कलम और उद्दाका रामापुत्त गूरूओं के पास जा पहुंचे. जहां से उन्होंने योग-साधना सीखी. कई माह तक योग करने के बाद भी उन्हें ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई. जिसके बाद वह उरुवेला पहुंचे और वहां पर जाकर उन्होंने घोर तपस्या की. इसके बाद सिद्धार्थ की तपस्या सफल नहीं हुई. और एक दिन कुछ स्त्रियां किसी नगर से लौट रही थी. वह गीत गाते- गाते जा रही थी. उन स्त्रियों का गीत सुनकर वह समझ गये कि किसी भी कार्य को करने के लिए जल्दी करना बेकार है किसी भी चीज की प्राप्ती के लिए मध्यम मार्ग ही ठीक होता है जिसके बाद उन्होंने ऐसे ही ज्ञान को प्राप्त किया.


प्रमुख शिष्य थे आनंद, अनिरुद्ध, महाकश्यप, रानी खेमा , महाप्रजापति , भद्रिका, भृगु, किम्बाल, देवदत्त, उपाली आदि इनमें से कुछ ऐसे थे जो हमेशा से चर्चा में बने रहे.

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प्रमुख शिष्य
आनंद – यह गौतम बुद्ध और देवदत्त के भाई थे जोकि बुद्ध के दस सर्वश्रेष्ठ शिष्यों में से एक रहे है. आनंद अपने स्मरण शक्ति के लिए प्रसिद्ध थे


महाकश्यप – यह तथागत के नजदीकी शिष्य बन गए थे. इन्होंने प्रथम बौद्ध अधिवेशन की अध्यक्षता की थी और मगध के ब्राह्मण भी थे.


रानी खेमा – यह सिद्ध धर्मसंघिनी थीं. बीमबिसारा की रानी होने के साथ साथ ये बहुत ही सुन्दर थी. जो आगे चलकर खेमा बौद्ध धर्म की अच्छी शिक्षिका बनीं थी.


महाप्रजापति – जो महाप्रजापति गौतम बुद्ध की माता महामाया की सगी बहन थी दोनों ही बहनों ने राजा शुद्धोदन से शादी की. महामाया की गौतम बुद्ध के जन्म के सात वर्ष के बाद मृत्यु हो गई.महामाया की मृत्यु होने के बाद महाप्रजापति ने ही उनकी देखभाल की थी. गौतम बुद्ध के पिता की मृत्यु के बाद ही महाप्रजापति को मठ में पहली महिला सदस्य के रूप में महाप्रजापिता को स्थान मिला था.

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