हमारे देश में धर्म और जात-पात के नाम पर लड़ाई होती ही रहती हैं. छोटी-छोटे मुद्दों पर मार-पीट करके मन में एक दूसरे के लिए कड़वाहट पैदा करना बहुत आम बात है. लेकिन काफ़ी लम्बे समय बाद दिल को सुकून देने वाली खबर सामने आई है. उत्तराखंड के देहरादून में मौजूद एक मुस्लिम परिवार द्वारा हिंदू के लिए की गयी उदारता चर्चा में है. मुस्लिम परिवार ने गोद लिए बच्चे की हिंदू रीती- रिवाज से शादी करवाई. ये सराहनीय कदम हमेशा उदाहरण के तौर पर याद किया जाएगा.
कैसे हुआ बच्चा अनाथ
देहरादून में रहने वाले मुस्लिम परिवार ने एक हिंदू अनाथ बच्चे को गोद लिया था.बच्चे को जब गोद लिया गया था तब उसकी उम्र १२ साल थी. उसका नाम राकेश है और गोद लेने वाले पिता का नाम मोइनुद्दीन. दरअसल राकेश के असली पिता मुन्ना लाल रस्तोगी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ गांधी ग्राम में रहते थे. करीब 17 वर्ष पहले उनकी पत्नी की मौत हो गई. इससे वह पूरी तरह टूट गए और अक्सर बीमार रहने लगे. जिंदगी के अंतिम समय में उन्होंने घर बेच दिया और उससे जमा रकम बेटी की शादी के लिए बड़े भाई को दे दी. कुछ समय बाद ही उनकी मौत हो गई और उनके दोनों बच्चे ऋतु और राकेश अनाथ हो गए. ऋतु की तो शादी हो गयी लेकिन राकेश अकेला रह गया. उसके बाद इस मुस्लिम परिवार ने एक हिंदू अनाथ बच्चे को गोद लिया और पाल पोसकर बड़ा किया. परिवार ने राकेश के धर्म को लेकर कभी कोई सवाल नहीं उठाया, बल्कि वक्त आने पर उसकी शादी भी हिंदू रीति-रिवाज के तौर-तरीकों से ही करायी है.
मोइनुद्दीन बताते हैं कि वह राकेश के लिए पिछले कई वर्षों से हिंदू लड़की की तलाश में थे. उन्होंने बताया कि 15 साल पहले जब राकेश उनके पास आया था तब वह 12 साल का था. उनकी दो और बड़ी बेटियां हैं, मगर वह राकेश को हमेशा से ही अपना बड़ा बेटा मानते हैं. मोइनुद्दीन के कहे मुताबिक मुसलमान के घर में हिंदू लड़के का होना किसी को भी हजम नहीं होता था, इसलिए कोई अपनी लड़की देने को तैयार नहीं हो रहा था. लेकिन उनकी ये तलाश अंत में मोथरोवाला के आत्माराम के घर में जाकर खत्म हुई. आत्माराम चौहान अपनी बेटी सोनी का हाथ राकेश के हाथों में देने को तैयार हो गए.
हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर देख किया रिश्ता पक्का
आत्माराम (लड़की के पिता ) जब रिश्ते की बात करने लड़के का घर देखने देहरादून आए तो उनका आश्चर्य का ठिकाना नहीं था. एक मुस्लिम के घर के एक कमरे में हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी थीं. इंसानियत की अनोखी मिसाल देखकर आत्माराम अपनी लड़की को इस घर की बहू बनाने के लिए फौरन तैयार हो गए.
बता दें कि ९ फ़रवरी को मोइनुद्दीन के घर से राकेश की बारात बड़ी धूम-धाम से निकली. शादी पूरे हिंदू रीती-रिवाज में संपन्न हुई. राकेश की दुल्हन का राकेश के पिता मोइनुद्दीन की पत्नी कौसर ने भी अच्छे से स्वागत किया.
मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि वे किसी अलग धर्म के लोगों के साथ रहते हैं. वो उसी घर में सबके साथ मिलकर सारे हिंदू त्यौहार मनाते हैं.