सज गया है महाकाल का दिव्य दरबार, महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए तैयार है उज्जैन, देखिए इसके अंदर की तस्वीरें

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सज गया है महाकाल का दिव्य दरबार, महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए तैयार है उज्जैन, देखिए इसके अंदर की तस्वीरें

सज गया है महाकाल का दिव्य दरबार, महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए तैयार है उज्जैन, देखिए इसके अंदर की तस्वीरें

उज्जैन अपने नए रूप में सज चुका है। मंगलवार को उज्जैन का इतिहास एक बार फिर हमेशा के लिए बदल जाएगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे।

करीब 10 गुना बढ़ गया क्षेत्रफल

महाकाल मन्दिर के नजदीक मध्य प्रदेश सरकार ने महाकाल लोक का निर्माण किया है। महाकाल लोक के निर्माण से मंदिर का कुल क्षेत्रफल वर्तमान में 2.82 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर से भी अधिक हो गया है। महाकाल लोक में कला और अध्यात्म का अनोखा मिश्रण दिखाई देता है। यहां भगवान शिव के साथ-साथ उनके पूरे परिवार की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है।

अध्यात्म और सुन्दरता का मिश्रण

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महाकाल लोक में अध्यात्म के साथ-साथ कला का भी अनोखा संगम दिखाई देगा। यहां मौजूद त्रिवेणी पुरातत्व संग्रहालय में त्रिवेणी कला का ज्ञान मिलता है। साथ ही यहां एक हजार साल प्राचीन दुर्लभ कला भी दिखाई देंगे। यहां मौजूद पुस्तकालय में महत्वपूर्ण पौराणिक ग्रन्थ और साहित्यिक रचनाओं को रखा गया है।

दो हिस्सों में बना है महाकाल लोक

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पूरे कॉरिडोर में देश की सबसे लम्बी भित्ति चित्र वाली दीवार है। इस दीवार पर पत्थरों पर शिव कथाएं उकेरी गई हैं। महाकाल लोक दो हिस्सों में बना है। एक तरफ पैदल पथ और दूसरी तरफ ई-कार्ट पथ। बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं के लिये ईकार्ट की व्यवस्था निरूशुल्क की गई है। दोनों पथ के बीच 108 शिवस्तंभ शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। यह स्तंभ साधारण नहीं हैए हर स्तंभ पर शिव की नृत्य मुद्रा अंकित है। इन्हीं पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं।

900 मीटर क्षेत्र में विस्तृत

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महाकाल लोक 900 मीटर लम्बे क्षेत्र में निर्मित किया गया है। महाकाल लोक के दाहिनी तरफ कमल ताल, शिव स्तंभ, सप्तऋषि परिसर, पब्लिक प्लाजा और नवग्रह परिसर बनाये गये हैं। यहां पर बैठक व्यवस्था की गई है। पास ही में कमल ताल है, जहां 25 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा बनाई गई है। दो राजसी प्रवेश द्वार- नंदी द्वार और पिनाकी द्वार – थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कॉरिडोर के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं, जो प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाते हैं और रास्ते भर सौंदर्य के दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

भगवान शिव की कथाओं की मिलेगी जानकारी

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महाकाल लोक में श्रद्धालुओं को भगवान शिव की कथाओं पर केन्द्रित कई प्रतिमाओं के दर्शन होंगे। यहां आने वाले भक्त और पर्यटकों को भगवान शिव के विभिन्न लीलाओं की जानकारी प्राप्त होगी। भगवान शिव ने किस तरह राक्षस त्रिपुरासुर का वध था या किस तरह उन्होंने हलाहल विष का पान किया था। इसके साथ भगवान शिव किस तरह माता पार्वती से विवाह करने के लिए नंदी महाराज पर सवार होकर और अपने गणों के साथ जा रहे हैं, इसे भी यहां विशाल प्रतिमा के माध्यम से बताया गया है।

शिव स्तम्भ बढ़ा रहा शोभा

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महाकाल लोक में कमल कुंद, सप्तऋषि मंडल, शिव स्तम्भ का निर्माण किया है जो यहां की शोभा और अधिक बढ़ा रहे हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से भी बाबा महाकाल के इस लोक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस स्थान पर बाबा महाकाल के दर्शन करने आए श्रद्धालु माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां भगवान शिव की लीलाओं पर आधारित 190 मूर्तियां हैं और यहां 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं

दो प्रवेश द्वार

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पार्किंग के ठीक सामने पिनाक द्वार है और उसके समीप स्थित है त्रिवेणी संग्रहालय। महाकाल लोक में प्रवेश करने के पहले नन्दी द्वार बनाया गया है। द्वार के बाहरी हिस्से में भगवान गणेश के दर्शन होते हैं। प्रवेश द्वार पर विशाल नन्दी की प्रतिमा बनाई गई है, जो कि अत्यन्त आकर्षक लगती है।

शिव की महिमा के दर्शन

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पैदल चलते हुए शिव, देवी और श्रीकृष्ण से जुड़ी प्रतिमाएं नजर आती हैं। चित्रों के नीचे सम्बन्धित कथाएं भी अंकित की गई हैं। क्यूआर कोर्ड भी बनाये गये हैंए, जिन्हें मोबाइल से स्केन कर कथा सुनी जा सकती है। इनमें शिव बारात का आकर्षक चित्रण किया गया है। एक शिल्प में कैलाश पर्वत को रावण ने उठा रखा है। कैलाश पर शिव परिवार भी विराजित है। एक शिल्प में देवी की नृत्य मुद्रा बनाई गई है।

राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों ने दिखाई कारीगरी

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इस परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से प्राप्त बलुआ पत्थरों का उपयोग उन संरचनाओं के निर्माण के लिए किया गया है जो इस कॉरिडोर की शोभा बढ़ाते हैं। राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों एवं शिल्पकारों ने मुख्य रूप से पत्थरों को तराशकर और उन्हें अलंकृत कर सौंदर्य स्तंभों और पैनल में तब्दील किया है।

सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद

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कॉरिडोर में आने वाले लोगों को तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक नियमित अंतराल पर त्रिशूल-शैली की डिजाइन पर सजावटी तत्वों के साथ 108 स्तंभ, सीसीटीवी कैमरे और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है।

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