Tomato-Mango price: पूरे सीजन रुलाएगा आम का दाम, महंगाई में टमाटर भी हुआ लाल
नई दिल्ली: महंगाई (Inflation) की मार झेल रहे आम आदमी की पहुंच से टमाटर (Tomato) और आम (Mango) भी दूर होता जा रहा है। देश के कई हिस्सों में इनकी कीमत (Tomato and mango price) 100 रुपये के पार पहुंच गई है। समय से पहले गर्मी और लू (heatwave) जारी रहने से टमाटर और आम की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश में आम के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 80 फीसदी पैदावार प्रभावित हुई है। सप्लाई में कमी के कारण आम और टमाटर की कीमत में भारी उछाल आई है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में टमाटर 120 रुपये किलो बिक रहा है। कम उत्पादन के कारण इस बार आम का निर्यात भी प्रभावित होने की आशंका है।
देश में आम का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। लेकिन इस बार उत्पादन दो दशक में सबसे कम रहने की आशंका है। लू के कारण 80 फीसदी फसल खराब हो गई है। अधिकांश उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में आम की कीमत 100 रुपये किलो के पार चली गई है। कम उत्पादन के कारण आम का निर्यात भी प्रभावित होगा। वेजिटेबल ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Vegetable Growers Association of India) के प्रेजिडेंट श्रीराम गढवे ने कहा कि टमाटर की कीमतों में हाल फिलहाल कमी आने की उम्मीद नहीं है। जुलाई में जाकर इसमें कुछ नरमी आ सकती है जब नई फसल आएगी।
रेकॉर्डतोड़ महंगाई
देश में टमाटर की बढ़ती कीमत से सरकार की परेशानी बढ़ सकती हैं क्योंकि इसका घर-घर में इस्तेमाल होता है। सरकार खाने पीने की चीजों की महंगाई (food inflation) को रोकने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। अप्रैल में महंगाई 8.38 फीसदी पर पहुंच गई जो इसका 17 महीने का उच्चतम स्तर है। खासकर खाने पीने की चीजें महंगी होने के कारण महंगाई बढ़ी है। गढवे ने कहा कि क्लाइमेट कंडीशन में बदलाव के कारण टमाटर की फसल पर कीड़ों का हमला हुआ। इस कारण सप्लाई में काफी गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि पहले एक एकड़ में 10 टन टमाटर की फसल होती थी जो अब घटकर तीन टन रह गई है। लेकिन लू के कारण टमाटर के फूल मुरझा रहे हैं और इससे भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है। देश में हर साल 2.1 से 2.3 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है। टमाटर की फसल गर्मी से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी तरह समय से पहले गर्मी शुरू होने और लू जारी रहने से आम की फसल पर भी असर पड़ा है।
पैदावार में गिरावट
मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Mango Growers Association of India) के प्रेजिडेंट एस इन्सराम अली ने कहा कि लू के कारण आम की बौर पर असर पड़ा। आम के लिए 27 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान सबसे अच्छा रहता है। उत्तर प्रदेश में सालाना 45 लाख टन आम की पैदावार होती है। लेकिन इस बार पैदावार में गिरावट के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक देश की कुल आम उत्पादन में उत्तर प्रदेश का हिस्सा 23.47 फीसदी है। आंध्र प्रदेश के एक किसान ने कहा कि लू और समय से पहले गर्मी पड़ने के कारण राज्य में भी आम का उत्पादन प्रभावित हुआ है। कम उत्पादन के कारण आम के निर्यात पर भी असर पड़ेगा। राज्य से यूएई, ओमान, कतर और कुवैत को आम का निर्यात होता है। अली ने कहा कि हमें लगता है कि इस बार शायद ही आम का निर्यात होगा। जो भी फसल बची है, वह देश में ही खप जाएगी।
कारोबार जगत के 20 से अधिक सेक्टर से जुड़े बेहतरीन आर्टिकल और उद्योग से जुड़ी गहन जानकारी के लिए आप इकनॉमिक टाइम्स की स्टोरीज पढ़ सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
रेकॉर्डतोड़ महंगाई
देश में टमाटर की बढ़ती कीमत से सरकार की परेशानी बढ़ सकती हैं क्योंकि इसका घर-घर में इस्तेमाल होता है। सरकार खाने पीने की चीजों की महंगाई (food inflation) को रोकने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। अप्रैल में महंगाई 8.38 फीसदी पर पहुंच गई जो इसका 17 महीने का उच्चतम स्तर है। खासकर खाने पीने की चीजें महंगी होने के कारण महंगाई बढ़ी है। गढवे ने कहा कि क्लाइमेट कंडीशन में बदलाव के कारण टमाटर की फसल पर कीड़ों का हमला हुआ। इस कारण सप्लाई में काफी गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि पहले एक एकड़ में 10 टन टमाटर की फसल होती थी जो अब घटकर तीन टन रह गई है। लेकिन लू के कारण टमाटर के फूल मुरझा रहे हैं और इससे भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है। देश में हर साल 2.1 से 2.3 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है। टमाटर की फसल गर्मी से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी तरह समय से पहले गर्मी शुरू होने और लू जारी रहने से आम की फसल पर भी असर पड़ा है।
पैदावार में गिरावट
मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Mango Growers Association of India) के प्रेजिडेंट एस इन्सराम अली ने कहा कि लू के कारण आम की बौर पर असर पड़ा। आम के लिए 27 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान सबसे अच्छा रहता है। उत्तर प्रदेश में सालाना 45 लाख टन आम की पैदावार होती है। लेकिन इस बार पैदावार में गिरावट के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक देश की कुल आम उत्पादन में उत्तर प्रदेश का हिस्सा 23.47 फीसदी है। आंध्र प्रदेश के एक किसान ने कहा कि लू और समय से पहले गर्मी पड़ने के कारण राज्य में भी आम का उत्पादन प्रभावित हुआ है। कम उत्पादन के कारण आम के निर्यात पर भी असर पड़ेगा। राज्य से यूएई, ओमान, कतर और कुवैत को आम का निर्यात होता है। अली ने कहा कि हमें लगता है कि इस बार शायद ही आम का निर्यात होगा। जो भी फसल बची है, वह देश में ही खप जाएगी।
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