नई दिल्ली: देश में रिलायंस जियो की टेलिकॉम सेक्टर के बाद से कई कंपनियों का दिवालिया निकल चुका है. उनमे से एक है टेलिकॉम कंपनी एयरसेल. इस कंपनी का भारत में अच्छा मार्किट था. लेकिन आज स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि कंपनी ने खुद इसकी अर्जी देते हुए कंपनी को बंद करने की सिफारिश दी है. इसके यूजर्स को दूसरी कंपनियों में कन्वर्ट कर दिए गए है. इस कंपनी के बंद होने के साथ सेंवाएं भी बंद करवा दी गई है. इस कंपनी के बंद होने की मार सबसे ज्यादा उसके कर्मचारी खा रहें है. कंपनी के कर्मचारियों के पास गुजारे के लिए पैसे भी नहीं हैं. कई कर्मचारियों को मार्च से वेतन तक नहीं मिला है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने अपने बंद होने के लिए लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवालिया होने की अर्जी दी है. अगर कंपनी का दिवालिया घोषित हो जाता है तो जल्द ही एयरसेल मार्किट से हट जाएगी. इसके बाद मार्किट में सिर्फ एयरटेल, जियो, वोडाफोन और आईडिया ही बाकी रहा जाएगी. एयरसेल में दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम उत्तर प्रदेश रीजन के एचआर हेड विवेक कुमार ने कहा कि अभी सभी सर्किल में कामकाज को बंद किया हुआ है. कई ऑफिस भी बंद है. इस कंपनी में करीब 50000 करोड़ का कर्ज है.
कम वेतन पर काम करने को मजबूर
एयरसेल में काम कने वाले एम्प्लॉइज की हालत इतनी दयनीय है कि वह मौजूद सैलरी से 25 फीसदी कम सैलरी पर काम करने को तैयार है. वहीं एक कर्मचारी ने कहा कि उसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है और अगर जल्द ही नौकरी नहीं मिली तो वो गांव चला जाएगा. टेलीकॉम कंपनी के 3000 कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें 12 मार्च के बाद से सैलरी नहीं मिली है.
कंपनी ने लेट सैलरी में दी यह सफाई
लेट से सैलरी को लेकर एयरसेल ने सफाई में यह कहा कि पेरोल डिपार्टमेंट में स्टाफ की कमी के कारण सैलरी देने में देर हो रहीं है. एम्प्लॉइज को 16 मई को एक लेटर भेजा गया था. जिसमे कहा था कि पेरोल स्टाफ की कमी है, हायरिंग की कोशिश हो रही है. इस वजह से वेतन देने में देरी हो रही है. वहीं कुछ कर्मचारी ऐसे है जो अभी भी कंपनी में है. उनकी मांग है कि कम से कम फूड कूपन ही दिए जाए, ताकि वह खाने-पीने का सामान खरीद सकें.
दिवालिया होने से बच सकती थी कंपनी
जानकारी के अनुसार, कंपनी दिवालिया की स्थिति से बच सकती थी. मलेशिया की पैरेंट कंपनी मैक्सिस ने एयरलेस पर निवेश करने को सोचा था. लेकिन बाद में उसने अपना इरादा बदल दिया था. कंपनी के एक सूत्र के मुताबिक, बिजनेस चलाने के लिए कंपनी के पास काश नहीं है.