Rohini Court Blast: रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट के पीछे बड़ी साजिश की रिहर्सल या टेरर लिंक?

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Rohini Court Blast: रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट के पीछे बड़ी साजिश की रिहर्सल या टेरर लिंक?

हाइलाइट्स

  • रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट, जांच एजेंसियों ने कहा, लैपटॉप बैग में था टिफिन बम
  • ब्लास्ट के बाद कोर्ट की कार्यवाही रोक दी गई। दमकल की गाड़ियां भेजी गईं
  • कोर्ट में लैपटॉप बैग में रखे टिफिम बन ब्लास्ट में 2 लोग मामूली घायल हुए हैं

विशेष संवाददाता, रोहिणी
सख्त सुरक्षा बंदोबस्त के बीच रोहिणी कोर्ट में गुरुवार सुबह संदिग्ध हालात में रखे गए बैग में ब्लास्ट से हड़कंप मच गया। यह धमाका कोर्ट नंबर 102 के अंदर हुआ। हालांकि कोर्ट रूम में उस समय ज्यादा लोग नहीं थे। धमाका होते ही कोर्ट के बाहर खड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने समझा कि गोलियां चली हैं। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, कइयों ने मोबाइल से विडियो बनाने शुरू कर दिए। इस धमाके में कोर्ट रूम में मौजूद एक कॉन्स्टेबल राजीव कुमार बुरी तरह जख्मी हो गए। धमाके की आवाज कोर्ट परिसर व उसके आसपास भी सुनी गई। तुरंत ही सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। सुरक्षा दस्ते ने कोर्ट रूम एरिया को जांच एजेंसियों के लिए कवर कर दिया।

वहीं, घायल कॉन्स्टेबल को तुरंत ही कैट्स एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुरुआत में लैपटॉप की बैटरी फटने की आशंका जाहिर की गई। लेकिन कोर्ट रूम में संदिग्ध सफेद रंग का पाउडर और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स में इस्तेमाल होने वाले स्क्रू व अन्य घातक सामग्री बिखरी देखी तो इसे विस्फोट की साजिश मान लिया गया। डीसीपी, जॉइंट सीपी, स्पेशल सेल के डीसीपी, क्राइम ब्रांच व टॉप लेवल अफसरों के आने का सिलसिला दोपहर से शुरू हुआ। इससे पहले मौके पर बम ‌निरोधक दस्ता, एनआईए, एनएसजी की टीम और फॉरेंसिक टीम को बुला ‌लिया गया।

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ब्लास्ट में अमोनिया नाइट्रेट का हुआ इस्तेमाल!
जांच ऐजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, संभावना है कि धमाके में अमोनिया नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ है। जानकार बताते हैं कि अमोनिया नाइट्रेट आसानी से मिलने और सस्ता होने की वजह से टेरर एक्टिविटी में इस्तेमाल होता रहा है। भारत में लंबे समय तक इसे बम बनाने के लिए इस्तेमाल करने के मामले पहले भी सामने आए हैं। जिस समय जांच टीमें कोर्ट रूम में पहुंची। उन्होंने पाया कि लैपटॉप बैग में रखे टिफिन बैग में ब्लास्ट हुआ था। जज के बैठने के स्थान से करीब 15 फुट दूरी पर कुर्सी के पास यह बैग रखा गया था। जांच ऐजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, टिफिन में जिस तरह से ब्लास्ट हुआ, अगर वहां भीड़ भाड़ होती तो कईयों की जान के लिए खतरा होता। ब्लास्ट में एक एक इंच वाले ढेरों स्क्रू का इस्तेमाल किया गया था।

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ब्लास्ट से पहले स्वीपर ने की थी सफाई, तब नहीं था बैग
मौके पर पड़ताल में पता चला कि टिफिन ब्लास्ट होने के बाद उसका ढक्कन जज के पास प्रॉसीक्यूटर की कुर्सी के पास जाकर गिरा। कुछ वायर, कांच के टुकड़े भी बरामद हुए। जिससे अंदेशा है कि धमाका किसी डिवाइस के जरिए किया गया। जांच एजेंसियों ने कुछ चश्मदीदों से पूछताछ की। पता चला कि कोर्ट नंबर 102 के रूम की रोज की तरह स्वीपर सफाई करके गया था। उस समय यह लावारिस बैग स्वीपर ने वहां नहीं देखा था। जिससे जाहिर है कि कोर्ट की कार्रवाई से चंद मिनटों पहले ही किसी ने बैग को साजिश के तहत वहां छिपा कर रखा और उसके बाद गायब हो गया। यह कम क्षमता वाला ‌विस्फोट था। गेट नंबर 4 समेत कोर्ट प‌रिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को कब्जे में कर लिया है। एंट्री एग्जिट के कैमरों की सीसीटीवी फुटेज से संदिग्धों का सुराग लगाया जा रहा है।

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धमाके में किसी गैंगस्टर का हाथ होने का शक
सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि धमाके की साजिश के पीछे किसी गैंगस्टर के गुर्गे का हाथ है। हालांकि टेरर एंगल को भी ध्यान में रखते हुए जांच हो रही है। धमाके के बाद कोर्ट की कार्यवाही रोक दी गई। इस घटना ने रोहिणी कोर्ट रूम में 24 सितंबर को गैंगस्टर जितेंद्र सिंह मान उर्फ गोगी की हत्या की यादें ताजा कर दीं।

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