बिजली आपकी कटेगी और नींद कंपनी की उड़ेगी, देना पड़ेगा हर्जाना

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गर्मियों के आगमन के साथ ही देशभर में बिजली कटौती की समस्या शुरू हो जाती है. हर राज्य की सरकार इससे निपटने के दावे करती है पर सतही तौर पर कुछ ख़ास प्रगति नही हो पटी. लेकिन देश की राजधानी दिली के लिए कुछ ख़ास करने की सोची गयी है. अब अगर दिल्ली में बिजली कंपनी ने ग्राहक को बताए बिना तय समय से ज़्यादा काटी बिजली तो उसको ग्राहक को हर्जाना देना होगा.

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार की बनाई इस पॉलिसी को मंज़ूरी दे दी है. उपराज्यपाल ने ट्वीट करके बताया कि ‘बिजली जाने पर ग्राहक को हर्जाना देने वाले नीति निर्देश के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है.’ इस योजना के तहत अगर बिजली वितरण कंपनी ने बिना बताए एक घंटे से ज़्यादा बिजली काटी तो वो ग्राहक को हर्जाना देगी. अगर एक घंटे में बिजली नही आएगी तो पहले दो घंटों के लिए 50 रुपये प्रति घंटे की दर से और उसके बाद 100 रुपये प्रति घंटे की दर से ग्राहक को हर्जाना देना होगा.

पहले एक घंटे की छूट केवल एक दिन में एक बार होगी यानी उसके बाद अगर बिजली जाएगी तो पहले वाले समय मे जुड़ेगी और हर्जाना देना होगा. बिजली वितरण कंपनी को हर्जाना ग्राहक के मासिक बिल में एडजस्ट करके दिखाना होगा. अगर बिजली कंपनी हर्जाना नही देती है तो आप दिल्ली बिजली नियामक आयोग यानी DERC में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. दिल्ली सरकार के मुताबिक ये देश मे अपनी तरह की पहली नीतिगत योजना है.

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बता दें कि इससे पहले भी साल 2016 में सरकार ने इस तरह की योजना बनाई थी लेकिन तत्कालीन उपराज्यपाल से मंज़ूरी ना मिलने के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने इसको अवैध घोषित कर दिया था. अब नए एलजी की अनुमति मिलने से जल्द ये योजना लागू हो सकती है और उसके बाद देखना होगा कि असल मे ग्राहक कैसे बिजली कंपनी से हर्जाना वसूल सकता है.

हम तो यही उम्मीद करेंगे कि बिजली कंपनी को हर्जाना देने की नौबत न आये बल्कि आम जन को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध करवायी जाए.