पंजाब पुलिस के अधिकार बरकरार रहेंगे, बीएसएफ केवल मदद करेगी : बीएसएफ आईजी

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पंजाब पुलिस के अधिकार बरकरार रहेंगे, बीएसएफ केवल मदद करेगी : बीएसएफ आईजी

चंडीगढ़, 13 नवंबर (भाषा) पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के क्षेत्राधिकार के विस्तार को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीएसएफ की एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि राज्य पुलिस की शक्तियां बरकरार रहेंगी और बल केवल उसकी मदद करेगा।

बीएसएफ की महानिरीक्षक (पंजाब सीमांत) सोनाली मिश्रा ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब दो दिन पहले ही बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने वाली केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ पंजाब विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

जालंधर में शनिवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के बढ़ते खतरे के मद्देनजर चुनौतियां और अधिक जटिल होती जा रही हैं तथा पिछले दो या तीन वर्षों में ड्रोन सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गया है।

पंजाब विधानसभा ने हाल में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के कदम को राज्य पुलिस का ‘अपमान’ करार दिया था।

दरअसल, केन्द्र सरकार ने हाल में सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार देने के लिए बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था। इससे पहले बीएसएफ के पास यह अधिकार सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे में था।

मिश्रा ने कहा, “ बीएसएफ के पास पंजाब में देश की 553 किलोमीटर तक फैली सीमा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है और हमारी प्रमुख भूमिका सीमा की अखंडता को बनाए रखना, सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करना और सीमा पार से होने वाले अपराधों को रोकना है।”

उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवान राज्य पुलिस और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) जैसी विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संयुक्त अभियान चला रहे हैं।

बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र पर केंद्र की अधिसूचना का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा कि क्षेत्राधिकार 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ ने 1965 से इस क्षेत्र में काम किया है, हमने हमेशा राज्य पुलिस के साथ सहयोग और समन्वय बनाए रखा। बीएसएफ कोई पुलिस संगठन नहीं है जिसके परिणामस्वरूप बीएसएफ के पास न तो प्राथमिकी दर्ज करने और न ही कोई जांच करने की शक्ति है।’’

उन्होंने कहा, “हमारे पास साक्ष्य अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत काम करने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए, जब हम किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी को कोई जब्त सामग्री सौंपते हैं, तो वे प्राथमिकी दर्ज करने, जांच करने, दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और अदालत में आरोप-पत्र दाखिल करके उसे तार्किक निष्कर्ष पर लाने के लिए आगे बढ़ते हैं।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने 2019 में 12 ड्रोन, 2020 में 32 और 2021 में 45 ड्रोन देखे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही ड्रोन रोधी तकनीक के लिए धन राशि को मंजूरी दे दी है।

मिश्रा ने कहा, ‘‘ड्रोन पर विभिन्न तकनीकों पर काम करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में भारत सरकार में हमारी एक एजेंसी है। बहुत काम चल रहा है और बहुत सारे परीक्षण हो रहे हैं और हमें जल्द ही कुछ तकनीक मिलनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इस साल अब तक बीएसएफ ने 387 किलोग्राम हेरोइन और 55 हथियार बरामद किए हैं, इसके अलावा 77 गिरफ्तारियां की हैं जबकि छह पाकिस्तानी तस्करों का सफाया किया है।

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