आतंकी हमले के एक दिन बाद काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकियों के निकलने का सिलसिला जारी, मृतकों की संख्या पर संशय

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आतंकी हमले के एक दिन बाद काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकियों के निकलने का सिलसिला जारी, मृतकों की संख्या पर संशय

अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए सीरियल ब्लास्ट में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो चुकी है। इस हमले के एक दिन बाद अमेरिका ने फिर से अपने नागरिकों और अधिकारियों को काबुल से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तालिबान के कब्जे से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों के एक दिन बाद अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है। काबुल के निवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं। अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में, काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बृहस्पतिवार के बम धमाकों में कम से कम 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए।

काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके के बाद अभी तक मरने वालों की संख्या 95 बताई जा रही है। न्यूज एजेंसी ‘AFP’ ने पहले स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया था कि मृतकों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है। हालांकि, एक तालिबानी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि इस धमाके में कम से कम 75 अफगानी मारे गये हैं। जबकि एक के बाद एक हुए इस हमले में 150 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कुछ न्यूज एजेंसियों ने एक अधिकारी के हवाले से अब कहा है कि 95 अफगानियों की बॉडी हमले की जगह से ले जाते हुए देखा गया है। यानी यहां मृतकों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है।

इधर ऑस्ट्रेलिया ने अभी अपने नागरिकों और वीजा रखने को वहां से निकालने की प्रक्रिया को रोक दिया है। यह फैसला एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले के बाद लिया गया है। इसके अलावा कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और बेल्जियम ने ऐलान किया है कि काबुल एयरपोर्ट से फिलहाल उनके देश के लिए कोई विमान उड़ान नहीं भरेगा। स्पेन में सरकारी सूत्रों से खबर सामने आई है कि उसने अपने सभी डिप्लोमैटिक स्टाफ को सुरक्षित दुबई पहुंचा दिया है। उसके दो मिलिट्री विमान शुक्रवार की सुबह दुबई पहुंचे। इन विमानों में 81 लोग सवार थे। 

इधर ब्रिटेन भी अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश में है। यूके में डिफेंस मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि उसकी सेना अब वहां से अपने लोगों को निकालने के अंतिम चरण में है।

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