निर्भया गैंगरेप केस के आरोपी मुकेश सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोई सबूत नहीं है कि प्रासंगिक दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए थे. मुकेश ने अपनी दया याचिका खारिज करने के लिए खिलाफ में सुप्रीम कोर्ट अर्जी दाखिल की थी.
मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने कहा था कि राष्ट्रपति के सामने कोई दस्तावेज नहीं रखे गए थे, इसलिए दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को एक बार विचार करना चाहिए।
अपनी वकील के जरिए मुकेश ने कहा था कि उसका जेल में यौन उत्पीड़न हुआ था और उसके भाई राम सिंह की हत्या भीं की गई थी.निर्भया मामले में बुधवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने खुद को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजे गए सारे दस्तावेजों को देखा है गृह मंत्रालय ने सारे दस्तावेज भेजे थे. मुकेश की याचिका में कोई मेरिट नहीं है. जेल में प्रताड़ना दया के लिए कोई आधार नहीं है. इसके बाद मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया गया.
मुकेश की दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की माँ ने कहा है कि अब मुझे उम्मीद है कि पूरा इंसाफ मिलेगा. मुजरिम कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. मुकेश की याचिका खारिज होने से अब मुझे एक फरवरी को दोषियों की फांसी की उम्मीद है.
पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले दिनों चारों दोषियों को पहले 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने की तारीख तय की थी, लेकिन इसके बाद दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति के सक्षम दया याचिका लगा दी थी.
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राष्ट्रपति कोविंद द्वारा निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है और चारों दोषियों को अब 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा.