Suchitra Sen Birth Anniversary : सुचित्रा सेन ने कमरे में कर लिया था खुद को कैद, आखिरी बार नंगे पांव इस हालत में आई थीं नजर

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Suchitra Sen Birth Anniversary : सुचित्रा सेन ने कमरे में कर लिया था खुद को कैद, आखिरी बार नंगे पांव इस हालत में आई थीं नजर

बंगाली और हिंदी फिल्मों की जान कहे जाने वाली सुचित्रा सेन (Suchitra Sen) की 6 अप्रैल को जयंती (Suchitra Sen Birth Anniversary) है। आइए आज आपको बॉलिवुड की दमदार और खूबसूरत अदाकारा की निजी जिंदगी से अवगत करवाते हैं। वो सुचित्रा सेन जिन्होंने राज कपूर से लेकर सत्यजीत रे जैसे जाने माने निर्देशकों की फिल्मों को नकार दिया। एक समय ऐसा आया कि वह अपने भीतर चल रहे तूफान में ही धंसती गईं। सुचित्रा ने अपने सुपरहिट करियर को छोड़ अध्यात्म का रास्ता चुन लिया और आखिरी दिनों में अपना चेहरा कपड़े से ढक लिया। अंतिम क्षणों में भी उनका चेहरा उनके चाहने वालों को देखना नसीब नहीं हुआ। आइए आज आपको सुचित्रा की दर्दभरी आखिरी क्षणों की कहानी से रूबरू करवाते हैं।

आज सुचित्रा सेन हमारे बीच नहीं है। 82 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। सुचित्रा सेन ने ‘देवदास’ और ‘आंधी’ जैसी फिल्मों से बॉलिवुड में अपनी धाक जमाई। साल 1972 में सुचित्रा सेन को पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा गया। इतना ही नहीं, साल 1963 में, वह पहली इंडियन ऐक्ट्रेस बनीं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

चकाचौंध में फंसती गईं सुचित्रा और परिवार में बढ़ती कलह


कहा जाता है कि सुचित्रा सेन अपने काम में इतना धंसती गई थीं कि उनका परिवार उनसे दूर होता गया। पति शराब की लत में डूबते जा रहे थे फिर एक समय ऐसा आया कि उनकी शादीशुदा जिंदगी में कलह बढ़ गई। सुचित्रा के पति दीबानाथ सब छोड़कर अमेरिका चले गए और वहीं साल 1970 में उन्होंने अंतिम सांसे ली। फिर यहां सुचित्रा भी तनाव में रहने लगी और एक दिन उन्होंने सब कुछ छोड़ने का फैसला लिया।

राजेश खन्ना के साथ सुचित्रा की वो फिल्म जो कभी बन नहीं पाई

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सुचित्रा की साल 1978 में आई प्रनोय पाशा फिल्म फ्लॉप हो गई। दूसरी तरफ राजेश खन्ना के साथ उनकी एक फिल्म पर काम चल रहा था लेकिन फिर अचानक उन्होंने सब छोड़ने का फैसला और ये फिल्म भी अधर में रह गई और कभी बन ही नहीं पाई।

नहीं दिखाया किसी को फिर चेहरा

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सुचित्रा ने ग्लैमरस दुनिया को अचानक अलविदा कह दिया। निजी जिंदगी में उनके साथ क्या हो रहा था ये तो किसी को नहीं पता लेकिन वह खुद में ही उलझ सही गई थीं। खुद को एक छोटे से कमरे में बंद कर लिया था और एक बिस्तर पर पड़ी रहीं। उन्होंने सख्ती से सभी को मना कर दिया था कि वह किसी से मिलना नहीं चाहती हैं। वह परिवार से भी नहीं मिलती थीं। एक बार उनकी नातिन राइमा ने बताया था कि वह कमरे से निकलती ही नहीं थीं। अगर वह कमरे से बाहर आती भी थीं तो चेहरे पर कपड़ा ठके रखती थीं। फिर एक समय ये आया कि उन्होंने रामकृष्ण आश्रम के भरत महाराज से अध्यात्म की राह पकड़ ली।

आखिरी बार कब देखा गया था सुचित्रा सेन को

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रामकृष्ण आश्रम के भरत महाराज के निधन पर सुचित्रा सेन को आखिरी बार देखा गया था। उनके निधन पर वह नंगे पांव उनके मठ पहुंची थीं। साल 2005 में ऐलान सुचित्रा सेन को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का ऐलान हुआ लेकिन उन्होंने अवॉर्ड सेरेमनी में जाने से मना कर दिया।

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सुचित्रा सेन का निधन और अंतिम दिन
सुचित्रा सेन को लंग इंफेक्शन के चलते भर्ती करवाया गया। अंत में हार्ट अटैक के चलते उनका निधन हो गया। अस्पताल में भी उनकी प्राइवेसी का ध्यान दिया गया और उनका चेहरा हमेशा ढक के रखा जाता था। अंतिम संस्कार में भी सुचित्रा सेन के पार्थिव शरीर को पूरी तरह ढका गया था। लेकिन आजतक कभी ये सामने नहीं आया कि आखिर वह क्यों अपना चेहरा छिपा कर रखती थीं।



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