यूपी में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करना चाहती सपा, नेताओं ने दिए ये तर्क

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लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अभी तक महागठबंधन को स्थिति साफ नहीं हुई है। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस से गठबंधन लेकर दोनों पार्टियों की बीच अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सपा नेताओं का कहना है कि पार्टी बीएसपी, आरएलडी और अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन की कोशिश में जुटी है। सपा एमएलसी उदवीर सिंह ने मामले में जानकारी देते हुए कहा, ‘गठबंधन को लेकर कांग्रेस अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है।’ उदवीर सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का काफी करीबी माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि एक परंपरा के रूप में, एसपी ने अमेठी में राहुल गांधी और रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ अभी तक कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। अभी भी इस परंपरा को तोड़ने का कोई कारण नहीं है। सिंह ने ही हाल के उप चुनाव में सपा को जिताने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस संग गठबंधन कर बुरी तरह हारने वाली सपा लोकसभा चुनाव में दोबारा राहुल गांधी के साथ आने में उलझन में है। पार्टी नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन कर उसे वो हासिल नहीं हो सका जिसकी उम्मीद थी। चुनाव में सपा ने कांग्रेस को 110 सीटें दी, जिनमें वह सिर्फ 7 में जीत दर्ज कर सकी, इसलिए 2019 में कांग्रेस से गठबंधन को लेकर सपा नेतृत्व सतर्कता से चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में सपा की बुरी हार के लिए सपा के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।

पिछले सप्ताह कांग्रेस मुख्यालय में दी गई इफ्तार पार्टी से भी सपा नेतृत्व बचता नजर आया। सपा के वरिष्ठ नेताओं के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन करने की इच्छुक नहीं है, जहां कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश यादव भी साफ कर चुके ही में एमपी में पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस राज्य के लोग भाजपा से नाराज हैं और कांग्रेस से खुश नहीं है।