पंजाब सरकार में मंत्री रहे पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वीकार कर लिया है। सिद्धू के इस्तीफे के बाद पता चला है कि जिस विभाग में सिद्धू कार्यरत थे उस विभाग की कई महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इन फाइलों का ताल्लुक राज्य में घोटाले से सम्बंधित थी।
आपको बता दें कि सिद्धू ने अपना इस्तीफा करीब एक हफ्ते पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौप दिया था। 20 जुलाई को उनका इस्तीफा मंजूर किया गया। उनके इस्तीफे के मंजूरी के बाद इस बड़ी गड़बड़ी का पर्दाफाश हुआ है।
हिंदुस्तान लाइव के रिपोर्ट के मुताबिक इस बड़ी गड़बड़ी में एक फाइल मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के 1,144 करोड़ रुपये के लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले से जुड़ी है। लोकल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट की दूसरी गायब फाइलों में लुधियाना में कृषि भूमि पर अनधिकृत निर्माण से संबंधित शामिल है।
आपको बता दें कि विजलेंस ब्यूरो ने पहले ही अमरिंदर सिंह, उनके बेटे रनिंदर सिंह व अन्य को लुधियाना सिंटी सेंटर घोटाले में क्लीन चिट दे दिया है। सिद्धू को 6 जून को लोकल गवर्नमेंट व पर्यटन व संस्कृति मामले के पोर्टफोलियो से हटा दिया गया। इसके बाद सिद्धू को बिजली व नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय सौंपा गया।
इसके बाद सिद्धू के मंत्रालय बदलने के फैसले पर सिद्धू नाराज़ दिखाई दिए। इस बीच उनके और अमरिंदर सिंह के बीच अनबन बनी रही। यही कारण था कि सिद्धू ने 14 जुलाई को बिजली व नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है सिद्धू ने अभी तक इस मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला था।
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फाइलों के गायब होने के सम्बन्ध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “फाइलों का पता लगाने के लिए खोज जारी है। हम सिद्धू से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें इस बारे में जानकारी हो सकती है।”
इसके अलावा लोकल गवर्नमेंट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने गायब फाइलों के लिए विभागीय जांच का अदेश दिया है, जिसमें लुधियाना में लक्जरी अपार्टमेंट परियोजना को मंजूरी दिए जाने की भी फाइल है। फिलहाल सिद्धू संपर्क क्षेत्र से बाहर हैं।