Shivsena and BJP: G-23 को कोढ़ में खाज बताकर मजे ले रही शिव सेना, साथी से रार और बीजेपी से प्यार क्यों ?

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Shivsena and BJP: G-23 को कोढ़ में खाज बताकर मजे ले रही शिव सेना, साथी से रार और बीजेपी से प्यार क्यों ?

Curated by | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Oct 2, 2021, 12:21 PM

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद बांटने को लेकर बीजेपी-शिवसेना का झगड़ा इस हद तक जा पहुंचा कि दोनों पार्टियों का 35 साल पुराना गठबंधन 2019 में टूट गया। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। अब एक बार फिर से बीजेपी और शिवसेना के बीच नजदीकियों के संकेत मिल रहे हैं।

 

मुंबई
महाराष्ट्र शिवसेना-बीजेपी के रूठे रिश्तों में एक बार फिर हल्का-हल्का सुरूर छा रहा है। बीते दिनों से लगातार शिवसेना की तरफ से ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जो दोनों दलों के बीच नजदीकियां बयां कर रहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से लेकर प्रवक्ता संजय राउत तक कई बार बीजेपी की तारीफ कर चुके हैं। अब सामना में छपे लेख में शिवसेना ने कांग्रेस को जिस तरह बिना सिर का शरीर वाली पार्टी, नेतृत्वहीन पार्टी समेत तमाम तंज कसे हैं उससे उनकी गठबंधन वाली पार्टी से दूरियां और बीजेपी से नजदीकियां होने के संकेत मिल रहे हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यंत्री उद्धव ठाकरे के खास सिपहसालार संजय राउत कुछ ऐसा करते रहते हैं, जिससे कभी लगता है कि शिवसेना की बीजेपी से मीलों दूरी हो गई है तो कभी लगता है कि दोनों के बीच लगाव कम नहीं हुआ है।

बीजेपी नेता को बताया भावी सहयोगी
सितंबर के मध्य में औरंगाबाद के एक कार्यक्रम में दोनों के बीच नजदीकियों के संकेत मिले। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बोलने के लिए खड़े हुए, तो उन्होंने मंच पर बैठे रावसाहेब दानवे को ‘मेरे भावी सहयोगी’ कहकर संबोधित किया। बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे को भावी सहयोगी कहे जाने के उद्धव के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल हो गई है। कुछ लोग इसे शिवसेना और बीजेपी के फिर एक साथ आने का संकेत मानने लगे हैं।

शिवसेना प्रवक्ता ने की थी मोदी की तारीफ
शिवसेना प्रवक्‍ता संयज राउत कई मौकों पर पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने बीते दिनों कहा कि अगले लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है। जब तक विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं आता है, तब तक उसके जीतने का चांस नहीं है।

देवेंद्र और संजय राउत की मुलाकात बनी चर्चा का विषय
पिछले साल सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना सांसद संजय राउत की मुलाकात भी चर्चा का विषय रही। इस मुलाकात में क्या बात हुई यह सार्वजनिक नहीं हुआ। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस पर कहा कि जब दो अलग-अलग राजनीतिक दलों के दो बड़े स्तर के नेता मिलते हैं, तो जाहिर तौर पर राजनीति की ही चर्चा होती है। यदि वे दो-ढाई घंटे के लिए एक साथ बैठे हैं तो उन्होंने चाय और बिस्किट पर चर्चा नहीं की होगी।

शिवसेना विधायक ने भी कहा था, बीजेपी से हाथ मिलाने में फायदा
उद्धव सरकार में खटपट के बीच शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक का एक पत्र सामने आया था। यह पत्र उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखा था। इसमें उन्होंने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी से मिल जाएंगे तो शिवसेना फायदे में रहेगी। उन्होंने गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी एनसीपी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। यह पत्र दस दिन पुराना बताया जा रहा है।

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