Shivpal Yadav: मैनपुरी से अगर मुलायम नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव तो शिवपाल ठोकेंगे दावा! यादव परिवार का है गढ़

71
Shivpal Yadav: मैनपुरी से अगर मुलायम नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव तो शिवपाल ठोकेंगे दावा! यादव परिवार का है गढ़

Shivpal Yadav: मैनपुरी से अगर मुलायम नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव तो शिवपाल ठोकेंगे दावा! यादव परिवार का है गढ़

लखनऊ: सपा विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) 2024 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से दावेदारी कर सकते हैं। शिवपाल ने कहा कि अगर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) मैनपुरी से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह इस सीट से चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे। 2019 में करीब 91 हजार वोट से मुलायम मैनपुरी से चुनाव जीते थे। उस समय सपा व बसपा एक साथ लोकसभा चुनाव लड़े थे। 2019 में शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर भी यादव परिवार का मजबूत असर माना जाता है। शिवपाल यादव को करीब 84 हजार वोट मिले थे। वह चुनाव तो हार गए थे, लेकिन इसका खमियाजा सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को हार के तौर पर भुगतना पड़ा और यह सीट भाजपा के खाते में चली गई थी।

इसलिए मैनपुरी पर दांव?
मैनपुरी लोकसभा में पांच विधानसभा सीटें भोगावं, किशनी, करहल, जसवंतनगर व मैनपुरी है। इनमें दो सीटें भाजपा व तीन सीटें सपा के पास हैं। करहल से सपा मुखिया अखिलेश यादव व जसवंतनगर से खुद शिवपाल यादव विधायक हैं। हालिया विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर में शिवपाल को करीब 1.60 लाख वोट मिले थे और वह लगभग 90 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। मुलायम स्वास्थ्य कारणों से राजनीतिक तौर पर बहुत सक्रिय नहीं है। ऐसे में 2024 में उनके चुनाव लड़ने को लेकर संशय है। नेताजी की गैरमौजूदगी में शिवपाल मैनपुरी को अपनी उम्मीदवारी के लिए फिरोजाबाद से अधिक मुफीद मान रहे हैं। शिवपाल से जब पूछ गया कि क्या उनकी पार्टी को यहां भाजपा का साथ मिलेगा? उन्होंने कहा था कि यह समय आने पर तय करेंगे, लेकिन, मेरी विचारधारा व राजनीति दोनों ही समाजवादी है।

‘सपा के साथ जाना गलती थी’
शुक्रवार को पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से अनौपचारिक तौर पर शिवपाल ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी के साथ उनका कोई रिश्ता नहीं रहेगा। 2022 में सपा के साथ जुड़ना गलती थी। कई बार धोखा खा चुके हैं, अब और नहीं। प्रसपा मुखिया ने कहा कि निकाय चुनाव में पार्टी अधिकांश क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी, जिससे जनाधार बेहतर किया जा सके। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का संगठन जहां मजबूत होगा, वहां उम्मीदवार उतारेंगे। सीटों की संख्या उस समय की स्थितियों व समीकरणों पर निर्भर करेगी। 2019 में 48 सीटों पर प्रसपा चुनाव लड़ी थी। शिवपाल ने कहा कि यदुवंशी समाज को जोड़ने की मुहिम चलती रहेगी। दूसरे संगठनों के साथ भी पार्टी का संवाद जारी है। समाज के उपेक्षित व पिछड़े लोगों की आवाज प्रसपा उठाएगी।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News