Sharad Pawar: महाराष्ट्र में BJP से बैर और नगालैंड में समर्थन, शरद पवार की यह कैसी राजनीति, टूट की राह पर MVA?
शरद पवार के इस फैसले का असर महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना और कांग्रेस पर भी पड़ सकता है। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक भास्कर जाधव की माने तो उन्हें एमवीए की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी नहीं है। चर्चा है कि विधानसभा बजट सत्र के एक दिन पहले बुधवार को एमवीए नेताओं की जॉइंट मीटिंग हुई। जिसमें अप्रैल और मई के महीने में जॉइंट रैलियों को लेकर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इसी मीटिंग में नगालैंड में एनडीपीपी के समर्थन को लेकर भी चर्चा हुई। हालांकि, इस बात की भी चर्चा है की पवार ने उद्धव ठाकरे को इस बारे में विश्वास में नहीं लिया।
महाराष्ट्र में भी ऐसा कर चुके हैं पवार
साल 2014 के चुनाव में बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी। हालांकि, वह बिना सहारे के सरकार बना पाने की हालत में नहीं थी। उस समय भी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी को सरकार में बाहर से समर्थन देने की घोषणा की थी। उस समय देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम बने थे। पवार ने कहा कि चुनाव के पहले मेघालय में चुनाव के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह ने विरोधियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। जबकि नतीजे आने के बाद उन्होंने उन्हीं के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन कर लिया।